टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण की खबरों में दिखा सर्विलांस के प्रति समर्थन! पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा है। लेकिन, आए दिन ये खबरें आती रहती हैं कि आज सरकार की ओर से या सरकार की किसी ‘खास एजेंसी’ की ओर से राष्ट्रहित में या व्यापक जनहित में फ़लाँ व्यक्ति पर या किसी संस्था पर सर्विलांस किया गया! मीडिया...
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प्रकृति के बचाव के लिए नए वैश्विक लक्ष्यों को कैसे पूरा करेगा भारत?
द थर्ड पोल, 11 अप्रैल दिसंबर 2022 में दुनिया की सरकारें हर जगह जैव विविधता यानी जंगली पौधों और जानवरों के तेज़ी से गायब होने की समस्या से निपटने के लिए कई कार्रवाइयों पर सहमत हुईं। कुछ विशेषज्ञों ने द् थर्ड पोल को बताया कि भारत को इन लक्ष्यों को असलियत बनाने में कुछ चीज़ों पर ध्यान देना होगा। जैसे: हैबिटैट संपर्क, ऐसे इकोसिस्टम जिन पर ध्यान नहीं दिया गया और...
More »भारत के राज्य मानवाधिकार आयोगों में दो में से क़रीब एक पद ख़ाली: रिपोर्ट
द वायर , 5 अप्रैल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तर्ज पर पूरे भारत में 25 राज्य मानवाधिकार आयोग स्थापित हैं. हालांकि, इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) 2022 इन राज्य आयोगों में मानव संसाधन की भारी कमी होने का विवरण देती है- इसमें बताया गया है कि ये आयोग उस काम को करने की स्थिति में नहीं है जो उन्हें सौंपा गया है. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत 1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग...
More »आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी 13 फरवरी, 2019 को, वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए) की संवैधानिकता से संबंधित एक मामले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को उन एफआरए दावेदारों को बेदखल करने का निर्देश दिया, जिनके व्यक्तिगत वन अधिकार के दावे खारिज कर दिए गए थे। शीर्ष अदालत ने देश के 20 राज्यों में 11,91,273 आदिवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया था। आदिवासियों और अन्य पारंपरिक वन निवासियों (ओटीएफडी)...
More »दिल्ली दंगे: गृह मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त बलों की तैनाती में देरी से हिंसा और भड़की- रिपोर्ट
द वायर, 26 फरवरी पूर्वोत्तर दिल्ली में 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में गठित एक फैक्ट फाइंडिंग समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ तौर पर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती में देरी की, जबकि सांप्रदायिक दंगे 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच बेरोकटोक जारी रहे. समिति...
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