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क्या बिना सहमति के चल रहा है इफको का अमोनिया संयंत्र, एनजीटी ने जांच के दिए निर्देश

डाउन टू अर्थ, 20 सितम्बर  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा किए गए प्रदूषण के आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय निरीक्षण समिति के गठन का निर्देश दिया है। मामला उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के फूलपुर का है। कोर्ट के निर्देशानुसार इस संयुक्त निरीक्षण समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) और प्रयागराज के जिला...

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जम्मू के तवी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट से हो सकता है नदी को नुकसान, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

मोंगाबे हिंदी, 20 सितम्बर जम्मू-कश्मीर में सरकार की ओर से बनाए जा रहे तवी रिवरफ्रंट को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है कि इससे पर्यावरण को खतरा है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बुरे होते जा रहे हैं। रुपये 530 करोड़ के खर्च से बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भूजल से स्रोतों को जिंदा करना है। इसके लिए कृत्रिम झीलें बनाई जा रही हैं और उनके साथ ही...

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वन (संरक्षण) संशोधन बिल-2023 से उपजी बहस का लेखाजोखा

2 अगस्त को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन (संरक्षण) संशोधन बिल, 2023 पारित हो गया। यह बिल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करेगा। इस बिल को 2023 के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था। तब इस बिल को लोकसभा अध्यक्ष ने ‘संयुक्त संसदीय समिति’ के पास भेज दिया था। समिति ने मूल मसौदे को यथावत रखा; उसमें किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की।  लेकिन,...

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जोशीमठ भूधंसाव के मामले में केंद्र सरकार ने दिया गोलमोल जवाब

डाउन टू अर्थ, 1 अगस्त  जोशीमठ भूधंसाव के मामले में सरकार से संसद में सवाल पूछा गया, लेकिन सरकार की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुरानी बातें दोहरा दी। उन्होंने बताया कि भूधंसाव के बाद तपोवन-विष्णुगाड पन बिजली परियोजना और हेलंंग मारवाड़ी बाइपास का काम रोक दिया गया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हेलंग बाइपास का काम बाद में शुरू...

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रिपोर्ट में खनन से जुड़े क्या कुछ तथ्य आए सामने, केन नदी से जुड़ा है मामला

डाउन टू अर्थ, 22 जून नदी तटों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में खनन न हो इससे बचने के लिए केन नदी के पास खनन पट्टों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा दायर संयुक्त समिति की रिपोर्ट में इन-स्ट्रीम खनन को रोकने के लिए नदी के किनारे और भीतर खदान क्षेत्रों का आबंटन न करने की सलाह दी गई है। यह मामला उत्तर प्रदेश...

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