-आउटलुक हिंदी “खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों में चली गई है। उपभोक्ता हित के लिए घरेलू किसानों की कीमत पर सस्ते आयात का रास्ता फिर खोला जा सकता है” डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष का रास्ता कई इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष दिक्कतें लेकर आता है। यह बात कृषि क्षेत्र और किसानों के मामले में काफी हद तक लागू होती है। मसलन, सरकार को पता है कि दूध, गन्ना, आलू और प्याज जैसी फसल उगाने वाले...
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प्याज का खेल, खिलौना बने किसान
भोपाल से वैभव श्रीधर। मध्य प्रदेश में किसान एक बार फिर परेशान हैं। मंदसौर, नीमच की मंडियों में प्याज की कीमत पचास पैसे प्रति किलो तक ही मिल रही है, तो उनकी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। प्याज को बेचने के लिए मंडी तक लाने का खर्च नहीं निकल पाने से गुस्साए किसान प्याज मंडी में छोड़कर जा रहे हैं। ये हालात तब हैं जब गत वर्षों में सरकार...
More »पीएमओ ने किसान को वापस भेजा मनी ऑर्डर,जानें क्या था पूरा मामला
नई दिल्ली। देश में जैसे ही प्याज के दाम ऊपर या नीचे होते हैं, तो राजनीतिक पार्टियों की दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं। प्याज कई राजनीति पार्टियों को रुला चुकी है। दिल्ली में तो प्याज की बढ़ती कीमत की वजह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार के हाथ से सत्ता ही चली गई थी। ऐसे में प्याज के मुद्दे पर राज्यों से लेकर केंद्र की सरकार भी हमेशा...
More »भावांतर भुगतान योजना से लहसुन और प्याज की फसल होगी बाहर
भोपाल। राज्य सरकार लहसुन और प्याज की फसल को भावांतर भुगतान योजना से बाहर कर सकती है। वित्त विभाग ने लहसुन और प्याज पर योजना के तहत 400 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने के फैसले पर ऐतराज जताया है। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग का कहना है कि भावांतर भुगतान योजना के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए और एक नई योजना बनाकर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा...
More »बदल दिया खेती का पैटर्न, हर माह 30 हजार कमा रही ये महिला
कोतबा, जशपुर (छत्तीसगढ़)। सौर सुजला योजना की प्रेरणा से रोकबहार की दुतिका मरावी ने मिश्रित खेती में कुछ अलग कर दिखाया है। रासायनिक उर्वरकों की जगह देशी गोबर खाद का उपयोग करते हुए जहां गुणवत्तापूर्ण सब्जी उत्पादन को लेकर दुतिका मरावी चर्चित हुई। वहीं तीन फसल कर हर माह वह 30 हजार की आमदनी करते हुए कई लोगों को रोजगार भी दे रही है। जनपद पंचायत पत्थलगांव के ग्राम पंचायत रोकबहार...
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