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जानवरों के शवों को जलाने में आने वाले खर्च को बचाते हैं लकड़बग्घे

मोंगाबे हिंदी, 04 जनवरी  वैसे तो गिद्धों को शवों का निपटारा करने वाले जीवों के रूप में जाना जाता है लेकिन एक और ऐसा ही ‘सफाईकर्मी’ है जिसके योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है लकड़बग्घा। अगस्त 2023 में प्रकाशित हुई एक नई स्टडी में पाया गया है कि राजस्थान के सवाई मानसिंह वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में धारीदार लकड़बग्घे हर साल 23 टन पालतू जानवरों के शव और 17...

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बिगड़ रही खेतों की सेहत, हर साल उत्पादन को हो रहा प्रति हेक्टेयर 3,654 रुपए का नुकसान

डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर  भारत में भूमि गुणवत्ता में आती गिरावट से कृषि उत्पादकता को हर वर्ष औसतन 3,654 रुपए प्रति हेक्टेयर का नुकसान हो रहा है। बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के शोधकर्ताओं द्वारा नुकसान की यह गणना 2011-12 की कीमतों के आधार पर की गई है। वहीं रिसर्च में यह भी सामने आया है कि भू-क्षरण में एक फीसदी की वृद्धि के चलते कृषि उत्पादकता को होने...

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कॉप 28: दुबई जलवायु सम्मेलन में किन मुद्दों पर रहेगी दुनिया की नज़र

द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर  जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन यानी यूएनएफसीसीसी के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर, यूएनएफसीसीसी के ही एक पूर्व प्रमुख कहते है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिहाज़ से इसे काफ़ी नहीं कहना चाहिए, लेकिन इसके बिना हालात और भी खराब होंगे।  कुछ हफ्ते पहले, यूएनएफसीसीसी ने अभी तक की राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाओं का एक नया विश्लेषण, एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, प्रकाशित की। यह...

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साल 2023 में जीवाश्म सीओ2 उत्सर्जन के 40 अरब मीट्रिक टन से अधिक होने के आसार: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 07 दिसम्बर  ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट साइंस टीम के नए शोध के अनुसार, जीवाश्म ईंधन से दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन साल 2023 में फिर से बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वार्षिक वैश्विक कार्बन बजट में जीवाश्म कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के 2023 में 36.8 अरब मीट्रिक टन जो 2022 से सीओ2 उत्सर्जन से 1.1 फीसदी अधिक है। 2023 संस्करण के 18वीं वार्षिक रिपोर्ट जर्नल अर्थ सिस्टम साइंस डेटा...

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कॉप 28: दुबई जलवायु सम्मेलन में किन मुद्दों पर रहेगी दुनिया की नज़र

द थर्ड पोल, 01 दिसम्बर    जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन यानी यूएनएफसीसीसी के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर, यूएनएफसीसीसी के ही एक पूर्व प्रमुख कहते है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिहाज़ से इसे काफ़ी नहीं कहना चाहिए, लेकिन इसके बिना हालात और भी खराब होंगे।  कुछ हफ्ते पहले, यूएनएफसीसीसी ने अभी तक की राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाओं का एक नया विश्लेषण, एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, प्रकाशित की। यह...

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