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खरीफ फसलों का रकबा 59 लाख हेक्टेयर से अधिक बढ़ा, तिलहन के बुवाई क्षेत्र में 10% से अधिक की बढ़ोतरी

-गांव कनेक्शन, इस साल अच्छे मानसून का असर फसलों की बुवाई पर दिख रहा है। यही कारण है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 59 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ा है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष 10 सितंबर तक देश में चालू मानसून सत्र में 828.6 मिमि बारिश हुई जबकि इस समय तक देश में लगभग 777.3 मिमि बारिश...

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देश में इस साल खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई, धान और दलहन का रकबा सबसे ज्यादा बढ़ा

-गांव कनेक्शन, इस साल बेहतर मानसून की वजह से खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई हुई है। केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 28 अगस्त 2020 तक देशभर में 1,082.22 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है जो पिछले रिकॉर्ड 1,075.71 लाख हेक्टयेर से ज्यादा है जबकि देश के कई हिस्सों में बुवाई अभी भी जारी है। शुक्रवार 28 अगस्त को खरीफ फसलों की बुवाई की जानकारी...

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देश के कई इलाकों में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात, धान, सोयाबीन उड़द की फसल को बारिश का इंतजार

-गांव कनेक्शन, मानसून के शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हो रही है। जिसका असर धान, उड़द और सोयाबीन की फसल पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जहां धान लगाने वाले किसान परेशान हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के जिला विदिशा, भोपाल, रायसेन और होसंगाबाद सहित कई जिलों के सोयाबीन किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के...

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घर लौटा प्रवासी मजदूर इज्ज़त के साथ अपने गांव में कैसे टिके और परिवार पाले? कुछ कारगर सुझाव

-जनपथ, हम घर जाना चाहते हैं ! प्रवासी मजदूर आज जहां कहीं भी हैं, ज्यादातर की मांग यही है। सवाल है कि उनके घर में स्थितियां कैसी हैं? अपने घर लौटकर आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीने के लिए उन्हें क्या करना होगा? झारखंड सरकार की घोषणा के अनुसार लॉकडाउन हटने पर कम से कम पांच लाख झारखंडी प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर लौटेंगे। आश्वासन दिया गया है कि...

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अब भी कम नहीं आर्थिक चुनौतियां - सुषमा रामचंद्रन

कई बार हमें जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में भी यह बात सच लगती है। हां, यह सही है कि अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी का माहौल है और शेयर बाजार सूचकांक नई बुलंदियों को छू रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि आगामी वर्ष के लिए देश का आर्थिक परिदृश्य उतना सुहावना नजर नहीं आता। हां, ऑटोमोबाइल्स और उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में उछाल...

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