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तेजी से बदल रहा है खरीददारी का तरीका, 25.6 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा ऑनलाइन बाजार

डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में ऑनलाइन व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहा है। यूएनसीटीएडी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में यह करीब 25.6 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है, जोकि करीब 19,62,80,320 करोड़ रुपए के बराबर है। यह 2017 से करीब 8 फीसदी ज्यादा है| इसके अंतर्गत एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी के बीच करीब 16,10,11,200 करोड़ रुपए का व्यापार किया गया। जोकि कुल ऑनलाइन व्यवसाय का करीब 83 फीसदी...

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बैंक का भट्ठा ऐसे बैठाया

-इंडिया टूडे, अशोक कपूर और हरकीरत सिंह ने जब नई पीढ़ी के यस बैंक का ब्लूप्रिंट तैयार किया, तब राणा कपूर बैंकिंग लाइसेंस की इस योजना का हिस्सा नहीं थे. दोनों कपूर ग्रिंडलेज बैंक में साथ काम करते थे और एक दूसरे को निजी, पेशेवर और सामाजिक तौर पर जानते थे. कहा जा सकता है कि कपूर अपने साढ़ू (उनकी पत्नियां बहनें हैं) और अपेक्षाकृत युवा राणा को चुपचाप सह-संस्थापक के...

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क्या है रुपये का सही मूल्य-- अश्विनी महाजन

पिछले कुछ महीनों से रुपये में भारी अवमूल्यन हो रहा था और रुपये डाॅलर की विनिमय दर जो अप्रैल 2018 में लगभग 64 रुपये प्रति डाॅलर थी, 11 अक्तूबर, 2018 तक 74.48 रुपये प्रति डाॅलर पहुंच चुकी थी. एक ओर जहां कमजोर होते रुपये के चलते देश में चिंता का माहौल व्याप्त हो रहा था, नीति निर्माण से जुड़े हुए कई महानुभाव यह कह रहे थे कि रुपये का गिरना...

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फैमिली बिजनेस करने वालों की तीसरी सबसे बड़ी तादाद भारत में

नई दिल्ली। परिवार नियंत्रित बिजनेस यानी फैमिली बिजनेस की संख्या के लिहाज से भारत दुनियाभर में तीसरे स्थान पर है। देश में परिवार-नियंत्रित कंपनियों की संख्या 111 है। इस मोर्चे पर 159 ऐसी कंपनियों के साथ चीन पहले, जबकि 121 कंपनियों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) दूसरे स्थान पर हैं।   'क्रेडिट सुइस फैमिली 1,000 इन 2018' रिपोर्ट के मुताबिक परिवार नियंत्रित बिजनेस के मामले में दुनियाभर में गैर-जापान एशियाई क्षेत्र,...

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2006 से 2008 में यूपीए के कार्यकाल के बीच बंटे कर्ज ही डूबे : राजन

नई दिल्ली। बैंकों ने जो कर्ज 2006 से 2008 के बीच बांटे, उनमें से ही अधिकतर फंसे कर्ज में तब्दील हो गए। यह जानकारी रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दी। उन्होंने यह बात फंसे कर्ज यानी नॉन परफॉर्मिंंग असेट (एनपीए) पर अपना पक्ष रखते हुए संसद की आकलन समिति के सामने रखी। उन्होंने इन तीन वर्षों में आवंटित किए गए कर्जों को सबसे बुरा कहा। गौरतलब है कि...

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