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बात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की!

क्या इस देश को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है? जिस मकसद को लेकर इन बैंकों का गठन किया गया था क्या वो पूरा कर पा रही हैं? क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पा रही हैं? आज के न्यूज़ अलर्ट समाचार में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुशलता– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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जो थैंक्यू कहना रह गया है मोदी जी..

-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...

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महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी

-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...

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शेयर बाजार एक आईना है- 40 सालों में कितना बदला भारतीय बिजनेस और इसमें क्या कमी है

-द प्रिंट, चालीस साल पहले सबसे बड़े 30 व्यावसायिक ‘घरानों’ की जो कंपनियां शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध थीं उनका कुल मूल्य 6,200 करोड़ रुपये था. उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इससे 28 गुना बड़ा (1.75 लाख करोड़ रु. के बराबर) था. ज़्यादातर कंपनियां जूट, चाय, सीमेंट, चीनी, इस्पात के उत्पाद और कपड़े जैसे ‘प्राथमिक’ उत्पादों का उत्पादन करती थीं. उसके बाद से नाटकीय बदलाव हुए हैं. आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज...

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