-डाउन टू अर्थ, सितम्बर 2020 में तीन-चौथाई जरूरतमंद गरीब परिवारों को मुफ्त राशन नहीं मिला था, जबकि वो उसके पात्र थे। यह जानकारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किए सर्वेक्षण में सामने आई है। यही नहीं सर्वे के मुताबिक जन धन खाताधारकों में से 30 फीसदी पात्र खाताधारकों को उनके खाते में सहायता राशि नहीं मिली है। लॉकडाउन के बाद देश में रोजगार की स्थिति को समझने के लिए अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने...
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भारत में औसत से 50% तक कम कमाते हैं घर से काम करने वाले कामगार: आईएलओ
-डाउन टू अर्थ, हाल ही में आईएलओ द्वारा प्रकाशित नई रिपोर्ट 'वर्किंग फ्रॉम होम: फ्रॉम इनविसिबिलिटी टू डीसेंट वर्क' से पता चला है कि भारत में घर से काम करने वाले कामगार औसत से 50 फीसदी तक कम कमाते हैं। इसी तरह अर्जेंटीना और मेक्सिको में भी घर से काम करने वालों की आय, बाहर काम करने वालों की तुलना में 50 फीसदी तक कम होती है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में 25...
More »लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को रोका जा सकता था
-द वायर, अप्रैल-मई 2020 में राष्ट्रीय लॉकडाउन से लोगों के रोजगार और आय पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा. उदाहरण के लिए, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में सेंटर फॉर इकोनॉमिक परफॉरमेंस के द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग आधे शहरी कामगारों ने उस अवधि के दौरान कोई आय अर्जित नहीं की. कई सार्वजनिक सेवाएं भी कम या बंद कर दी गईं. इसमें नियमित स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं. लॉकडाउन के दौरान...
More »किसानों के सामने आत्महत्या का सबसे मुख्य कारण है कर्ज : देविंदर शर्मा
-गांव कनेक्शन, देश में रोज 28 किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि 89 दिहाड़ी मजदूर जान देने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से सामने आये आंकड़ें यही गवाही दे रहे हैं। आखिर क्यों देश को अपने हाथों की मेहनत और खून-पसीने से सींचने वाले लोग जान दे रहे हैं, गाँव कनेक्शन के गांव कैफे में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई, इस ख़ास चर्चा में शामिल हुए...
More »‘सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है, क्या वे देश की नागरिक नहीं हैं’
-द वायर, देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. सरकारी नीतियों से खफा इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी कुछ मांगों के साथ बीते नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके...
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