गंगेश द्विवेदी, रायपुर। हादसे या प्रताड़ना की शिकार होने वाली महिलाओं को तात्कालिक सहायता पहुंचाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में एक भवन का निर्माण करेगा। इसकी शुरुआत राजधानी रायपुर से हो रही है। पूरे देश में यह पहला वन स्टॉप सेंटर है, जिसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 48 लाख की लागत से जिला अस्पताल के पास भवन का निर्माण करीब 1500...
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सवा अरब लोगों के लोकतंत्र में सवा करोड़ से ज्यादा 'गुलाम'!
बात विरोधाभासी लग सकती है लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाने वाले भारत में गुलामी की जिन्दगी जीने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में गुलामी के आधुनिक रुपों से पीड़ित लोगों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख 29 हजार है।(देखें नीचे दी गई लिंक) ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स 2014 नामक रिपोर्ट के अनुसार चीन में 30 लाख 24 हजार, पाकिस्तान में...
More »टोनही अंधविश्वास ने दस साल में लील ली 200 जानें
रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में टोनही का कहर लगातार जारी है। पिछले दस साल में टोनही प्रताड़ना में लगभग 200 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसका सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जहां बड़े पैमाने पर बैगा और झाड़फूंक करने वाले महिलाओं को टोनही बता रहे हैं और परिवार के सदस्य ही उनकी बेरहमी से हत्या कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में टोनही प्रताड़ना...
More »राहत का अल्पविराम- प्रियंका दुबे
12 नवंबर, 2013 को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद रिहा हुई 36 वर्षीया सोनी सोरी की कहानी जितनी माओवादियों और पुलिस के अत्याचारों के बीच फंसे एक आम आदिवासी की मुश्किलें दिखाती है उतनी ही ‘माओवादी या माओवादी समर्थक’ होने के धुंधले आरोपों के तहत छत्तीसगढ़ की जेलों में न जाने कितने लंबे समय के लिए धकेल दिए गए सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों की त्रासदी भी. माओवादी संघर्ष के...
More »‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’
हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...
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