यह संभव नहीं कि चित और पट, दोनों आपकी ही हो। अर्थशास्त्री इसे ‘समझौता' कहते हैं। आप हर वक्त दो विरोधी मतों के बीच संतुलन बिठाते हैं। मसलन, 18वीं सदी के अंत तक या तो आप चार पहियों वाली घोड़ागाड़ी की सवारी कर सकते थे, जो धीरे-धीरे, लेकिन आपको एक सुविधाजनक यात्रा कराती, या फिर घोड़े की पीठ की सवारी करते थे, जिसमें आप मंजिल तक तेज तो पहुंच जाते,...
More »SEARCH RESULT
एयरटेल ने एनपीसीआई से किया 190 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी लौटाने का वादा
नई दिल्ली भारती एयरटेल ने सोमवार को नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह उसके पेमेंट बैंक खातों में आई एलपीजी सब्सिडी को अपने 31 लाख मोबाइल ग्राहकों के पिछले खातों में लौटाने को तैयार है। देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर पर अपने ग्राहकों के पेमेंट बैंक खाते उनकी सहमति के बिना खोलने का आरोप है। एयरटेल ने एनपीसीआई पत्र लिखकर सूचित किया...
More »सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंकिंग की तारीख 31 मार्च 2018 तक बढ़ाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की बैंक व मोबाइल के आलावा अन्य योजनाओं से लिंकिंग अनिवार्य करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी। सर्वोच्च न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा तारीख बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद अब जो लोग अपना आधार नंबर अपने बैंक खाते, मोबाइल नंबर...
More »मोबाइल नंबर को जारी रखने के लिए आधार-नंबर जरुरी नहीं-- पढ़िए क्या हैं कारण !
"सेवा जारी रखने के लिए अपना नंबर आधार से जोड़िए. भारत सरकार के मुताबिक मोबाइल सेवा जारी रखने के लिए ऐसा करना जरुरी है!" क्या ऐसा कोई संदेश आपके मोबाइल सेट पर आया है ? क्या आप इस बात से परेशान हैं कि पहचान और निवास का प्रमाणपत्र देने के बाद मोबाइल नंबर मिला था तो फिर उसे आधार-नंबर से जोड़ने के लिए क्यों कहा जा रहा है ? अगर आपके...
More »आधार के तर्कों का किंतु-परंतु--- आर. सुकुमार
ऐसे समय में, जब आधार से संबद्ध तीन मामले उस संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए विचाराधीन हैं, जिसका अभी तक गठन ही नहीं हुआ, तब यह लाजिमी है कि हम आधार से जुड़े कुछ मूलभूत सवालों पर विचार करें। इस बात से इनकार करने का कोई आधार नहीं है कि इससे जुड़ी, खासतौर से निजता और सुरक्षा के बिंदु अहम हैं। कहने का आशय यह कि जरूरत...
More »