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पानीपत की सूत मिलों को बड़ा झटका, इंडस्ट्री के कारोबार में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

गाँव सवेरा, 28 जून देश और दुनिया में पहचान रखने वाली पानीपत की रिसाइकल्ड इंडस्ट्री संकट का सामना कर रही है। शहर की छोटी-बड़ी रिसाइकल्ड यार्न इंडस्ट्री बेकार कपड़ों को रिसाइकल कर सूत से धागे बनाती है, जिनका इस्तेमाल कई दूसरे सामान बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसमें कालीन, कंबल, शॉल, पर्दे, बाथ मैट, फुट मैट और बेडशीट आदि शामिल हैं।  पिछले करीब दो महीनों से पानीपत में रिसाइकल्ड यार्न...

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सांभर झील में अधिक बारिश और अवैध नमक खनन के कारण 2019 में कैसे बड़े पैमाने पर पक्षियों की हुई मौत

दिप्रिंट,  10 मार्च राजस्थान में 2019 में एवियन की मृत्यु के चार साल बाद – जहां नवंबर में बड़े पैमाने पर एवियन बोटुलिज़्म के कारण सांभर साल्ट लेक में लगभग 23,000 पक्षियों की मौत हो गई थी वहां वैज्ञानिकों ने पाया है कि अत्यधिक वर्षा के कारण जहरीले बैक्टीरिया में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसने उन्हें मार डाला. यह भारत में एवियन बोटुलिज़्म के कारण पहली दर्ज की गई सामूहिक मृत्यु दर घटना...

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जलवायु परिवर्तन से जंग की आड़ में वैश्विक व्यापार में असमानता को बढ़ा रहे विकसित देश: सीएसई

डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...

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यूरोपीय संघ ने दुनिया भर से मेंढकों की विलुप्ति का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ा

डाउन टू अर्थ , 10 फरवरी  यूरोपीय संघ में 2010 से 2019 के बीच, मेंढक के पैरों का कुल आयात 4.07 करोड़ किलोग्राम था, जो लगभग 2 अरब मेंढकों के बराबर है। जबकि बेल्जियम इनका मुख्य आयातक है, फ्रांस मुख्य उपभोक्ता है। यह खुलासा एक नए अध्ययन में किया गया है, जिसमें मेंढक के पैरों के व्यापार में भारी अस्थिरता और इसकी मांग को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर...

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दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?

सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...

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