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खेती किसानी की हालत : आखिर कृषि मंत्रालय के आंकड़ों का सच क्या है ?

दो मंत्रालय और दो तरह के आकलन, क्षेत्र मगर एक, खेती-किसानी का ! आकड़ों के विरोधाभास की ऐसी हालत में कोई वास्तविक स्थिति का किस तरह अनुमान लगाये ?   अगर ऊपर लिखी बात आपको किसी पहेली की तरह लग रही हो तो इस तथ्य पर गौर कीजिए-केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नये आंकड़े में अनुमान लगाया गया है कि कृषि-क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन(जीवीए) पिछले साल के मुकाबले कम होगा. लेकिन, कृषि...

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बदलते मौसम का भारतीय भूगोल--- अखिलेश गुप्ता

जलवायु परिवर्तन अब एक आम चर्चा का विषय बन गया है। इस मसले पर बने संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-सरकारी पैनल पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट में पूरे विस्तार से यह बताया गया है कि किस तरह यह मानवीय क्रियाकलापों का ही नतीजा है। भारत में भी पिछले 100 वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगभग 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। किसी क्षेत्र में यह तापमान ज्यादा बढ़ा है, तो किसी में...

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आत्महत्या और हत्या के बीच-- रविभूषण

सौ साल पहले (1917) साप्ताहिक पत्र 'प्रताप' के वार्षिक विशेषांक में गणेश शंकर विद्यार्थी ने 'भारतीय किसान' शीर्षक लेख में लार्ड कर्जन को उद्धृत किया था- 'भारतीय किसान राजनीति नहीं जानते, पर उसके बुरे-भले फलों को भोगते हैं...' कर्जन ने किसानों को 'देश की हड्डियां और नसें' कहा था. कृषि उन्नति मेला 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के भाग्य को गांवों और किसानों से, कृषि-क्रांति से जोड़ा था. यह...

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हरियाली से कुपोषण मिटाने की मुहिम--- बाबा मायाराम

मध्य प्रदेश के बैतूल और हरदा जिले में पिछले कुछ सालों से आदिवासी हरियाली अभियान चला रहे हैं। उनका नारा है- हरियाली लाएंगे, भुखमरी मिटाएंगे।इस मुहिम का उद्देश्य है, पहला तो यह कि आदिवासियों को कुपोषण से निजात मिल सके, उनकी आमदनी बढ़ सके और दूसरा, जंगलों को फिर से हरा-भरा बनाया जा सके, पर्यावरण सुधारा जा सके और जैव-विविधता का संवर्धन और संरक्षण किया जा सके। इससे मिट्टी...

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इस साल फल और शाक-सब्जियों का उत्पादन अनाज से ज्यादा..!

उम्मीद है कि इस बार भी बागवानी के क्षेत्र में उत्पादन खाद्यान्न उत्पादन से ज्यादा रहेगा. यह चलन बीते पांच सालों से जारी है.   बहरहाल, 2014-15 और 2015-16 के मुकाबले इस फसली वर्ष में वानिकी-उत्पाद में बड़ी मामूली वृद्धि होने का पूर्वानुमान है. इन दोनों सालों में देश के ज्यादातर राज्यों ने सूखे का सामना किया था.   इस साल 2014-15 के मुकाबले वानिकी-उत्पादन में 2.2 फीसद और 2015-15 की...

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