नई दिल्ली। फिल्म स्टार सलमान खान को 13 साल पुराने हिट एंड रन मामले में दोषी करार दिए जाने और सजा सुनाए जाने के साथ ही उसी दिन जमानत मिल गई। मगर, देश में यह न्याय व्यवस्था आम कैदियों या गरीबों के लिए उतना सक्रिय नहीं दिखता। देश में करीब 2.54 लाख विचाराधीन कैदी जमानत नहीं मिलने के कारण जेल में बंद हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देश में 3.81 लाख...
More »SEARCH RESULT
कानून, कारागार और कैदी- केपी सिंह
जनसत्ता 19 सितंबर, 2014: उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि उन विचाराधीन आरोपियों को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए जिन्होंने अपने ऊपर लगे अभियोग की संभावित अधिकतम सजा का आधा समय बतौर आरोपी जेल में व्यतीत कर लिया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला न्यायिक सेवा प्राधिकरण से संबंधित न्यायिक अधिकारी अपने अधिकार-क्षेत्र में प्रत्येक कारावास पर जाकर इस प्रकार के...
More »अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे
पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
More »आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
More »आधी सजा काट चुके विचाराधीन कैदी रिहा हों:सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सजा पर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आधी सजा काट चुके विचाराधीन कैदियों पर विचार करते हुए कहा कि ऐसे कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों को जेल जाना चाहिए और कैदियों का जायजा लेना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिए कि वह फौजदारी न्याय प्रणाली को त्वरित बनाने का खाका उसके समक्ष रखे....
More »