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निजी क्षेत्र के समर्थन के दावे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार को इन 5 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा

-द प्रिंट, सरकार की आर्थिक रणनीति में बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र पर भरोसा जताया है. बुधवार को सरकार ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसमें 13 सेक्टर शामिल हैं और माना जा रहा है कि इससे वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र भारत की ओरआकर्षित हो सकेगा. यह विशेष रूप से आयात पर उच्च निर्भरता वाले श्रम-प्रधान क्षेत्रों में घरेलू...

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खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की व्यावसायिक सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य की बात

इस साल (31 अगस्त तक) देश के विभिन्न कोयला खदानों में लगभग 24 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 47 गंभीर दुर्घटनाएँ हुई हैं. इसी तरह, 18 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 13 गंभीर दुर्घटनाएँ गैर-कोयला खदानों में इस समय अवधि में हुई हैं. कोविड-19 के चलते आई आर्थिक मंदी के कारण इन खदानों में कम मांग और उत्पादन की आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटना के आंकड़े...

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कोरोना वायरस से जुड़ी भ्रांतियों के कारण, हजारों छोटे महिला मुर्गीपालक किसानों को व्यवसाय में हुआ घाटा

-विलेज स्कवायर, कुंती धुर्वे, मध्य प्रदेश में होशंगाबाद जिले के केसला प्रशासनिक ब्लॉक के जामुंडोल गांव की एक लघु स्तरीय मुर्गी-उत्पादक हैं। केसला के कुल 15,000 परिवारों में से, लगभग 9,000 आदिवासी परिवार हैं। लगभग 13% अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखते हैं। कुंती धुर्वे 2001 में गठित एक सहकारी समिति, केसला पोल्ट्री सोसाइटी की अध्यक्ष भी हैं। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद और बैतूल जिले के 47 गाँवों के आदिवासी और दलित समुदायों...

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हाल-फिलहाल में जारी हुई अधिकांश रिपोर्टें बता रही हैं कि अर्थव्यवस्था का पहिया थमने वाला है!

अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, आधिकारिक एजेंसियों और निजी संस्थाओं द्वारा जारी की गईं अधिकांश रिपोर्टें और अध्ययन कोरोनवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रलयकारी प्रभावों की तरफ इशारा करते हैं. उनका अनुमान है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा COVID -19 (यानी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वॉरंटीन) को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक विकास को प्रभावित करेंगे और अधिकांश क्षेत्रों में...

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सरकारी राशन की दुकानों से गरीबों को अब मिलेगा मड़ुआ, सावां आैर कोदो

नयी दिल्ली : सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये ज्वार, बाजरा तथा अन्य पोषक मोटे अनाजों को वितरित करने का फैसला किया है. आधिकारिक आदेश के मुताबिक, गरीबों को पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. खाद्य कानून के तहत सरकार राशन की दुकानों के जरिये देश की 81 करोड़ जनता को गेहूं, चावल जैसे खाद्यान्नों को भारी सब्सिडी के साथ एक से तीन रुपये...

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