SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 63

सामाजिक काम के वित्तीय मापदंड-- वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली

सीएसआर फंड यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड यानी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष पर पहुंच बढ़ाना फंड खोजते गैर-सरकारी संगठनों की रणनीति का आज एक प्रमुख हिस्सा है। इन्ही संदर्भों में स्थितियां यहां तक पहुंच गई हैं कि कतिपय गैर-सरकारी संगठन अपनी वेबसाइटों में अपनी विशिष्टता यही बताते हैं कि वे कॉरपोरेट घरानों के लिए सीएसआर के काम करने व करवाने में पारंगत है, और इसके लिए उनसे संपर्क किया जाए।...

More »

छत्तीसगढ़ में हो सकेगी मखाने की खेती, ले पाएंगे दो फसल

रायपुर, संदीप तिवारी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार धमतरी के कृषि विज्ञान केन्द्र बोड़रा संबलपुर में मखाने (काला हीरा) की खेती का सफल परीक्षण किया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ मखाने की खेती करने वाला देश का सातवां राज्य बन गया है।   यहां के कृषि वैज्ञानिक मखाने की स्वर्ण वैदेही किस्म दरभंगा से लेकर आए थे। खेती के लिए जलवायु अनुकूल होने से रबी और खरीफ दोनों सीजन में...

More »

असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह

सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...

More »

जीएम सरसों को समिति की हरी झंडी, पर सरकारी मंजूरी बाकी

नई दिल्ली। सरकार की एक समिति ने जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी जीएम सरसों की व्यावसायिक खेती को हरी झंडी दे दी है। लेकिन अभी इसका रास्ता साफ नहीं हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से इसे अब तक मंजूरी नहीं दी गई है। वह ऐसी फसल के जैव सुरक्षा पहलुओं पर समिति की ओर से की गई सिफारिशों को लेकर जनता की राय लेगी। इसके बाद यह...

More »

बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज

आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close