SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 114

दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल नहीं लागू कर रहे शिक्षा का अधिकार कानून: रिपोर्ट

नयी दिल्ली: एक नई रिपोर्ट में बुधवार को दावा किया गया है कि दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून को लागू करने में सहभागी नहीं हैं और वे आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें भी आरक्षित नहीं कर रहे हैं. ‘ब्राइट स्पोर्ट्स: स्टेटस ऑफ सोशल इन्क्लूज़न थ्रू आरटीई' शीर्षक वाली यह रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है,...

More »

न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

More »

बच्चे पास हो गए, नीति फेल हो गई-- हरिवंश चतुर्वेदी

अब फिर से पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को रोका जा सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 का यह मुख्य प्रावधान था कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जाएगा। लोकसभा ने इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि बच्चों को फेल न करने की नीति से स्कूली शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी और...

More »

UGC के बदले उच्च शिक्षा के लिए HECoL का प्रस्ताव

एक ऐतिहासिक निर्णय में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग निरसन अधिनियम), विधेयक 2018, जिसका उद्देश्य यूजीसी अधिनियम को निरस्त करना और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना करना है, को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है और इसे टिप्पणियों और सुझावों के लिये सार्वजनिक किया गया है. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षा के स्तर को सुधारना होगा. केंद्रीय मानव...

More »

बाल विवाह उन्मूलन की राह-- रीता सिंह

पिछले दिनों बिहार के साढ़े चार करोड़ लोगों ने मानव शृंखला बना कर दहेज और बाल विवाह के विरुद्ध प्रतिबद्धता जाहिर की। जिस तरह राज्य की राजधानी पटना से लेकर गांव-कस्बों में कतारों में खड़े करोड़ों लोगों ने इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया वह यह रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है कि जनजागरण के जरिए सामाजिक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। एक साल पहले...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close