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कडलूर बंदरगाह की बर्फ़ कारोबारी

 पारी, 22 जून मछली के व्यापार में बर्फ़ विक्रेताओं के बड़ी भूमिका होती है. विशेषकर, तमिलनाडु के तट पर स्थित, और काफ़ी व्यस्त रहने वाले कडलूर फिशिंग हार्बर में इसकी काफ़ी ज़रूरत पड़ती है, जहां का मौसम आमतौर पर बहुत गर्म होता है. यहां शहर के ओल्ड टाउन हार्बर में बड़ी-बड़ी कंपनियां मछली के बड़े व्यापारियों और मशीनों से चलने वाली नावों को बड़ी मात्रा में बर्फ़ की आपूर्ति का काम...

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WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से

संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...

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एनएमएमएस ऐप और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली से मनरेगा श्रमिकों के भुगतान में देरी: रिपोर्ट

द वायर, 14 मई  किसी देश को डिजिटल रूप से बदलने की इच्छा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है. हालांकि, भारत में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, क्योंकि कई मनरेगा श्रमिकों ने अपनी मासिक मजदूरी मिलने में देरी होने की सूचना दी है. जहां केंद्र सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर दे रही है, वहीं पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी और...

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पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर

डाउन टू अर्थ, 3 मई  पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बेलमा गांव की 45 वर्षीय जयगुन बीबी की ईद इस बार हमेशा की तरह अच्छी नहीं मनी। वह अपना दर्द बयां करती हैं, “हमारे गांव में जून 2022 से ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत मिलने वाला काम बंद है। इस वजह से घर में अब एक पाई भी नहीं बची है। आय का इकलौता...

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झारखंड के 85% कोयला श्रमिक चाहते हैं वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रशिक्षण: रिपोर्ट

कार्बनकॉपी, 24 अप्रैल भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके लिए कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त (फेज आउट) करने की आवश्यकता है। इस एनर्जी ट्रांजिशन का कोयला श्रमिकों की आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में गंभीर होगा, जहां भारत की एक चौथाई से अधिक कोयले की खानें हैं। झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और...

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