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पूर्व सीजेआई ने कहा, आलोक वर्मा को अपनी बात रखने का मौका ना देना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) टीएस ठाकुर ने कहा कि आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने से पहले उनका पक्ष न सुनना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है. टीएस ठाकुर ने शनिवार को द टेलीग्राफ से कहा, ‘यदि सीबीआई निदेशक के पद से आलोक वर्मा को हटाने वाली चयन समिति ने उन्हें अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया तो यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन...

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कोर्ट ही कोर्ट को बचा सकता है-- प्रो. फैजान मुस्तफा

भारत के विधि आयोग की 195वीं रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 'जजेज (इन्क्वाॅयरी) बिल, 2006' का उद्देश्य एक ऐसे न्यायिक मंच की स्थापना करना था, जो जजों के विरुद्ध शिकायतों से निबट सके. चार वरिष्ठ जजों का इसका सदस्य होना था. इसके अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि जिस मामले में महाभियोग की जरूरत न हो, उसमें चेतावनी, परामर्श, फटकार, न्यायिक कार्यों से अलगाव या निजी या सार्वजनिक...

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आधी क्षमता पर काम कर रहा इलाहाबाद हाईकोर्ट, नियुक्ति करने में सबसे पीछे

अपनी लगभग आधी क्षमता पर काम कर रहा इलाहाबाद हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें भेजने में सबसे पीछे है। केंद्र सरकार ने कहा कि इस हाईकोर्ट से उसे 2007 में बनी रिक्तियां भरने के लिए सिफारिशें इस वर्ष फरवरी और जुलाई में मिली हैं। क्या इसे सरकार की देरी कहा जाएगा। 1 सितंबर तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में 83 रिक्तियां बनी हुई हैं। इसकी स्वीकृत क्षमता 160 है। अटार्नी जनरल...

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न्यायपालिका के सामने विश्वसनीयता का संकट : चीफ जस्टिस

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वें स्थापना दिवस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ा सवाल विश्वसनीयता का है. बडी संख्या में लंबित मामलों के चिंता का विषय होने के बीच प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कई मौकों पर मामलों के निस्तारण में बार का रवैया बहुत सहयोगात्मक नहीं रहता है...

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एनजेएसी पर सरकार-न्यायपालिका आमने-सामने

उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की नई प्रणाली एनजेएसी की संवैधानिक वैधता की सुनवाई के दौरान न्यायपालिका और सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने आ गई। सरकार ने कोलेजियम को अपारदर्शी और ऐसे लोगों को जज बनाने की सिफारिशें करने वाला तंत्र बताया, जो भ्रष्टाचार में और कदाचार लिप्त थे। केंद्र सरकार ने कहा कि कोलेजियम ने 59 वर्षीय एक महिला वकील को कोलकाता हाईकोर्ट का जज बनवाया, क्योंकि वह तत्कालीन...

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