संयुक्त राष्ट्र ने कल मुझे ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करके मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं महसूस करता हूं कि यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के लिए नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की स्वीकृति है, जिसने हमेशा प्रकृति के साथ सौहार्द बनाने पर बल दिया है। जलवायु परिवर्तन में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता मिलना और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस व संयुक्त...
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उत्तराखंड सरकार द्वारा खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा गलत: कैग
देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा पिछले साल की गई, प्रदेश के खुले में शौच से मुक्त (ओएफडी) होने की घोषणा सही नहीं थी और भौतिक सत्यापन में कुल 1143 व्यक्तिगत शौचालयों में से 41 का निर्माण नहीं हो पाया जबकि 34 शौचालय निर्माणाधीन थे. यह तथ्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की नई रिपोर्ट में उजागर हुआ है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि इस योजना में वित्तीय प्रबंधन भी अपर्याप्त...
More »खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बावजूद गुजरात में लाखों शौचालयों की ज़रूरत: आरटीआई
अहमदाबाद: कुछ महीनों पहले गुजरात को ‘खुले में शौच से मुक्त' (ओडीएफ) राज्य घोषित किया गया था. हालांकि एक आरटीआई के जरिए ये खुलासा हुआ है कि गुजरात के ग्रामीण घरों में अभी लाखों शौचालयों की आवश्यकता है. आरटीआई कार्यकर्ता हितेश चावडा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में जिला प्रशासन ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण' योजना के तहत दाहोद में इस साल मई-जून तक 1.40 लाख परिवारों को शौचालय नहीं...
More »मजदूर दिवस पर बोले ज्यां द्रेज़- NREGA को जिंदा रखने के लिए मजदूरी दर बढ़ाना जरूरी
मजदूर दिवस यानी मे डे के मौके पर सरकार कई दावे कर रही है. सरकारी आंकड़ों में कहा जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ रही है. लेकिन, जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका मानना है कि वास्तव में विकास की दर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार यह तय करती है कि देश कितनी तरक्की कर रहा है. ज्यां द्रेज़ सोनिया...
More »साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर
पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
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