रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय से बुधवार को अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने मुलाकात की. साथ में भोजन का अधिकार आंदोलन के संयोजक अशर्फी नंद प्रसाद, बबीता सिन्हा व अंकिता अग्रवाल भी थे. उन्होंने मंत्री से नगड़ी में चल रही डीबीटी व्यवस्था को हटाने की मांग की. साथ ही कहा कि खाद्य सब्सिडी के लिए एक रुपये प्रति किलो चावल की...
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लाइलाज हो चुकी है एनपीए की बीमारी-- आदर्श तिवारी
बैंकों की तेजी से बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आज एक ऐसी लाइलाज बीमारी बन चुकी हैं जिसका इलाज विशेषज्ञों को भी नहीं सूझ रहा है। इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि एनपीए के इस अंधकार से रोशनी कब और कैसे मिलेगी? दरअसल, बैंकों की बुनियाद को कमजोर करने में बढ़ता एनपीए एक बड़ा कारक है। बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक भी चिंता जाहिर...
More »भ्रष्ट नौकरशाही पर नकेल का फॉर्मूला - डॉ. भरत झुनझुनवाला
पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले से स्पष्ट हो गया कि सरकारी तंत्र के निचले हिस्से में भ्रष्टाचार पहले की तरह फल-फूल रहा है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऊंचे स्तर पर तमाम ईमानदार अधिकारियों को नियुक्त किया है। वित्त सचिव और पीएनबी के प्रबंध निदेशक भी ईमानदार ही होंगे, लेकिन क्या उनके नीचे के लोग भी वैसे ही हैं? एक वृत्तांत वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करता है। किसी...
More »नकली अकल की असल चुनौती-- हरजिंदर
यह हमेशा ही होता रहा है। बदलाव जब दरवाजा खटखटाता है, तो उम्मीदें कम बनती हैं, आशंकाएं ज्यादा घेरती हैं। उम्मीद बांधने वाले कम होते हैं, परेशान होने वाले ज्यादा। हालांकि यह कहना भी सही नहीं है कि कृत्रिम बुद्धि यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या एआई हमारा दरवाजा खटखटा रही है। दरअसल, वह बहुत चुपके से हमारे जीवन में प्रवेश कर चुकी है। यह उसका शैशव काल है, इसलिए फिलहाल हम...
More »भरोसा बरकरार रखने की चुनौती - प्रदीप सिंह
पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले ने सरकारी बैंकों, बैंकों का ऑडिट करने वाली संस्थाओं और बैंकों के कामकाज पर निगरानी रखने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्षमता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे यह भी साबित हुआ है कि सरकारी बैंकों में नियुक्त होने वाले निदेशक और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि सहित सब या तो गाफिल थे या शरीके जुर्म। वजह कुछ भी हो, वास्तविकता यही है कि...
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