राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना वर्ष 2008-09 में शुरू की गयी और अब भी जारी है. यह बीपीएल परिवारों के सदस्यों के स्वास्थ्य बीमा के लिए है. इसके तहत बीपीएल परिवार को कैशलेस बीमा कार्ड दिया जाता है. इसके आधार पर बीपीएल परिवार के अधिक-से-अधिक पांच सदस्य साल में 30 हजार रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकते हैं. यह कार्ड सरकार बीमा कंपनी के माध्यम से लाभुकों को उपलब्ध कराती है. ...
More »SEARCH RESULT
मजबूरी में पलायन करते हैं झारखंडवासी
इटली, मलेशिया, चीन और अब साउथ कोरिया में जनसंख्या और पलायन जैसे विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके कुणाल केसरी झारखंड के लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं. वे इंटरनेशलन इंस्टीटय़ूट फोर पॉपुलशन साइंस मुंबई के सीनियर रिसर्च फेलो रह चुके हैं और फिलहाल मौसमी पलायना पर पीएचडी कर रहे हैं. वे झारखंड छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तरप्रदेश में हर साल होने वाले मौसमी पलायन पर रिसर्च कर रहे हैं....
More »सुधार के नाम पर- विनोद कुमार
जनसत्ता 19 अक्तूबर, 2013 : कोयला घोटाले को लेकर एक बार फिर हंगामा है। इस बार एक बड़े उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख पर सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर को लेकर हंगामा मचा है। बिड़ला देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं और पूर्व सचिव पारख को कोयला घोटाले का खुलासा करने वाले कैग ने ‘विसल ब्लोअर’ कहा था। लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि कई...
More »केंद्रीय ग्रामीण विकास रिपोर्ट 2012-13
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने आज यहां अपने मंत्रालय की 2012-13 की रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य डॉ. मिहिर शाह और आईडीएफसी फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजीव लाल ने भी रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। बाद में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श भी हुआ। श्री जयराम रमेश ने सरकारी कार्यक्रमों के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रभावी नहीं होने...
More »गरीबी का एक फसाना आईएलओ के हवाले से
कहते हैं हकीकत कल्पना से कहीं ज्यादा हैरतअंगेज होती है। ऐसी ही हैरतअंगेज हकीकत है कि भारत में बीते बीस सालों में तेज आर्थिक-वृद्धि हुई है लेकिन गरीब कामगारों की तादाद में कोई खास कमी नहीं आई है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन(आईएलओ) के एक हालिया रिपोर्ट (इकॉनॉमिक क्लास एंड लेबर मार्केट इन्क्लूजन: पुअर एंड मिडिल क्लास वर्कर्स इन डेवलपिंग एशिया एंड द पैसेफिक) में कहा गया है कि भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया में ज्यादातर (91 फीसदी) कामगार “एकदम गरीब”...
More »