खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
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कर्ज का फंदा
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट [inside]Key Indicators of Situation Assessment Survey of Agricultural Households in India (January, 2013- December, 2013)[/inside] के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य़: http://www.im4change.org/siteadmin/tinymce//uploaded/Situation%20Assessment%20Survey%20of%20Agricultural%20Households%20in%20NSS%2070th%20Round.pdf --- तकरीबन साढ़े चार हजार गांवों के सर्वेक्षण पर आधारित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 70वें दौर की इस रिपोर्ट के अनुसार आंध्रप्रदेश में कर्ज में डूबे किसान-परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा((92.9%) है। तेलंगाना के 89.1% किसान परिवार कर्ज में डूबे हैं जबकि तमिलनाडु में कर्ज के बोझ...
More »पंजाब के किसानों के लिए रासायनिक खेती छोड़ना क्यों कठिन है?
इंडियास्पेंड, 03 अप्रैल पंजाब के पश्चिमी फिरोजपुर जिले के सोहनगढ़ रट्टेवाला गांव के 63 वर्षीय अशोक कुमार ने 2012 में अपने तीन एकड़ खेत में जैविक खेती शुरू की थी। उन्होंने ऐसा अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए किया था। वह अपने परिवार के लिए भोजन तो उगाते ही थे, साथ ही में जैविक उत्पाद चाहने वाले लोगों के लिए बिक्री भी करते थे। 2016 तक उन्होंने अपने पूरे 16...
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