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छत्तीसगढ़-- प्रदेश के खनिज जिलों को मिलेंगे 1100 करोड़ रुपए

रायपुर। देश की नई राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति सोमवार को राजधानी रायपुर में लांच की गई। इसके साथ ही दो दिवसीय राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी शुरु हो गई है। इस कार्यक्रम के पहले दिन केंद्रीय खान एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय खान राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय सचिव बलविंदर सिंह सहित माइनिंग कारोबार से जुड़े देश भर के 700 उद्योगपति व...

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कृषि ऋण की राह में मुश्किलें-- विभाष

बैंकों से किसानों को मिलनेवाले कृषि ऋण को लेकर कई भ्रांतियां हैं. बड़ी शिकायत यह रहती है कि ढेर सारे दस्तावेज बैंक में जमा करने पड़ते हैं. एक सेमिनार में एक बड़े उद्योगपति ने यह बात सबके सामने रखी. मैंने प्रतिकार किया कि कोई भी ऋण बिना न्यूनतम दस्तावेज के नहीं दिया जा सकता. कृषि ऋण के दस्तावेजों को सरल और मानक बनाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने वर्ष...

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जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी

सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा।   यही नहीं, जूट कारखानों व...

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विसंगति से संकट विश्वास का- अनिल रघुराज

जब इनसान नर्वस होता है, तो उसकी घिग्घी बंध जाती है. लेकिन सरकार जब नर्वस होती है, तो कुछ ज्यादा ही वाचाल हो जाती है. मोदी सरकार का फिलहाल यही हाल है. कार्यकाल के तीन साल बाकी हैं. लेकिन दो साल पूरा करने पर ऐसा डंका बजाया जा रहा है, मानो यज्ञ की पूर्णाहुति होनेवाली हो. हर सरकारी वेबसाइट खोलते ही विज्ञापन आ जाता है- मेरा देश बदल रहा है,...

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छोटे व मझोले किसान अभी भी बैंक कर्ज को मोहताज

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। कृषि कर्ज का आंकड़ा भले ही साढ़े आठ लाख करोड़ के लक्ष्य को पार कर गया हो लेकिन बड़ी संख्या में छोटे और मझोले किसान अब भी बैंक से ऋण पाने को मोहताज हैं। छोटे व मझोले किसानों की आबादी वैसे तो कुल किसानों की संख्या में 85 प्रतिशत है लेकिन कर्ज में इनकी हिस्सेदारी मात्र छह प्रतिशत है। इनमें से से बहुत से किसान अब...

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