SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1019

बजट : जीडीपी का एक फीसद से भी कम खर्च हुआ है कृषि और ग्रामीण विकास पर

खेती-किसानी और ग्रामीण विकास पर सरकार कितना खर्च करती है- क्या बजट से पहले यह सवाल आपको अहम जान पड़ता है ? सवाल का एक उत्तर मिल सकता है देश महत्वपूर्ण मंत्रालयों के वास्तविक खर्च के आंकड़ों से. अनुमान लगाइए कि बीते छह सालों में कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय का वास्तविक व्यय कितना रहा होगा ? इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज टीम का शरुआती आकलन है कि इन दोनों...

More »

आर्थिक विषमता के बीच विकास का सच-- राजकुमार सिंह

एक और गणतंत्र दिवस के जश्न की तैयारी। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की शक्ति और शौर्य का राजपथ पर शानदार प्रदर्शन होगा। हमेशा की तरह भारतवासी तो इसके साक्षी बनेंगे ही, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आसियान के दस सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख भी इस मौके पर खास मेहमान होंगे। बेशक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं। हमें इन्हें समारोहपूर्वक मनाना ही चाहिए। अपनी उपलब्धियों पर गर्व...

More »

अर्थव्यवस्था की आगे की राह-- अरविन्द कुमार सिंह

कृषि और विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण चालू वित्तवर्ष में विकास दर की रफ्तार साढ़े छह प्रतिशत पर थमने की आशंका एक बार फिर बढ़ गई है। यह अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जताया है जिसके मुताबिक प्रतिव्यक्ति आय बढ़ने की गति अत्यंत धीमी है और साथ ही विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घट कर छह साल के न्यूनतम स्तर (4.6 प्रतिशत) पर आ गई है।...

More »

झारखंड में 3 जिले, 60 ब्लॉक और 1314 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त

रांची : झारखंड में 18 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है. तीन जिले, 60 ब्लाॅक और 1314 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान, झारखंड कौशल मिशन और जोहार योजना...

More »

राजनीतिक शक्ति बनें किसान-- राजकुमार सिंह

अगर किसी कृषि प्रधान देश में कृषि और किसान ही संकट में आ जायें तो देश की दशा-दिशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात दशकों से पाठ्य पुस्तकों में पढ़ायी जाती रही है, क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तक आबादी जीवनयापन के लिए कृषि और उससे जुड़े काम-धंधों पर निर्भर रही है। इसलिए ग्रामीण भारत को ही असली भारत भी कहा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close