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बच्चों में कुपोषण दूर करने के लक्ष्य से कितना पीछे है भारत, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में

देश में भोजन और पोषण के हालात के आकलन पर केंद्रित एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत रुद्धविकास (स्टंटेड ग्रोथ) से पीड़ित बच्चों की संख्या में कमी लाने के अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह सकता है.   संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की इस संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक पोषण के मोर्चे पर मौजूदा रुझानों के जारी रहते भारत में पांच साल तक उम्र वाले हर तीन...

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छत्तीसगढ़: भारी विरोध के बीच परसा कोयला खदान को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने स्थानीय लोगों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए छत्तीसगढ़ के सरगुजा और सूरजपुर जिलों में परसा कोल ब्लॉक में खनन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी दे दी है. मंत्रालय ने 12 जुलाई 2019 को इस प्रोजेक्ट को पर्यावरणीय मंजूरी दी और इससे संबंधित पत्र कुछ दिन पहले ही मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया. इस फैसले से भारत में वन संरक्षण, जल स्रोत...

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नरेगा के बजट मे कटौती और आधार लिंकित भुगतान कामगारों के हक का उल्लंघन: नरेगा संघर्ष मोर्चा

नयी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए चालू वित्तवर्ष में मात्र 60,000 रुपये आबंटित किये हैं. यह रकम साल 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान (नरेगा) की तुलना में 1,084 करोड़ रुपये कम है. पिछले साल जिस तादाद में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम की मांग की गई, अगर सरकार उन्हें पूरा करती और मजदूरी का भुगतान श्रमिकों को समय पर होता तो नरेगा के मद में...

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अब एक फोन कॉल से ही किसान जान जाएगा अपने खेत के मौसम का हाल

नई दिल्ली: दिनभर खेत पर कैसा मौसम रहेगा, बारिश होगी या नहीं इसकी जानकारी अब किसान फोन पर ले सकेंगे. फोन से कृषि विशेषज्ञों से बात करने के बाद किसान अपने खेत में बुआई, जुताई और कटाई कर सकेंगे. इसकी शुरुआत कृषि मंत्रालय अगस्त माह से तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में शुरू करने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए हाल ही में एक प्रमुख आईटी कंपनी...

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कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा

बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...

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