-आउटलुक, न कोई मीडिया मुगल है, न ही मीडिया की अपनी कोई ताकत बची है। रेंगते लोकतंत्र के साथ मीडिया का रेंगना उसके वजूद को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है, जहां लोकतंत्र को घुटने के बल लाने वाली सत्ता से कोई सवाल नहीं करना है, बल्कि सत्ता की ताकत को अपने साथ जोड़ना है। इस दौर में खबरों की गुणवत्ता या फिर देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण और लोगों...
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पर्यावरण अधिसूचना का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने से इसके मतलब बदल जाएंगे: केंद्र
-द वायर, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना-2020 के ड्राफ्ट को 22 भाषाओं में अनुवाद करने के अदालत के निर्देश का विरोध किया है. केंद्र सरकार की ओर से मंत्रालय ने दावा किया कि ऐसा करने के लिए किसी कानून की मंजूरी प्राप्त नहीं है और इसके चलते आगामी विधि निर्माण में भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. केंद्र की ओर से कहा...
More »केशवानंद भारती : वह धर्मगुरु जिसकी कोशिशों से भारत एक लोकतंत्र के रूप में बचा रह सका
-सत्याग्रह, केशवानंद भारती का निधन हो गया है. वे 79 वर्ष के थे. उन्होंने रविवार को केरल के कासरगोड जिले में स्थित अपने आश्रम में अंतिम सांस ली. केशवानंद भारती इस मठ के प्रमुख थे. बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते उनके दिल का ऑपरेशन होना था लेकिन रविवार, सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. देश के न्यायिक इतिहास में दिलचस्पी रखने वाला शायद ही...
More »एक्शनएड सर्वे: लॉकडाउन लागू होने के बाद तीन-चौथाई से अधिक श्रमिक अपनी आजीविका से हाथ धो बैठे
एक्शनएड एसोसिएशन (एएए) द्वारा मई 2020 के आखिर तक तीसरे चरण के लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्तर पर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर निर्भर श्रमिकों के बीच सर्वेक्षण (14 मई और 22 मई, 2020 के बीच) किया है, जिसमें महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों सहित अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका में आए बदलावों और प्रभावों, उनके द्वारा अनुभव की गई रोजी-रोटी की अनिश्चितता और उससे निपटने के लिए उनके संघर्षों को दर्ज किया...
More »असम : एनआरसी से बाहर रह गए लोग झूल रहे हैं अनिश्चितता में
-सत्यहिंदी, असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची, 2019 से जिनके नामों को बाहर रखा गया, ऐसे 19.06 लाख आवेदकों की नागरिकता की स्थिति एक साल गुजर जाने के बाद भी अधर में लटकी हुई है। सूची से बाहर किए गए लोगों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रक्रिया को कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया था। जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी से बाहर रखा...
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