-द वायर, केंद्र सरकार ने मध्यम आकार के सरकार संचालित चार बैंकों का निजीकरण करने के लिए चयन किया है. तीन सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सरकार की भारी-भरकम हिस्सेदारी वाले इन बैंकों में सैंकड़ों-हजारों कर्मचारी काम करते हैं और बैंकिंग सेक्टर...
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उत्तराखंड सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं द्वारा कम पानी छोड़ने की वकालत की थी
-द वायर, उत्तराखंड के चमोली जिले में बर्फ फिसलने से अचानक आई भीषण बाढ़ और इसके चलते व्यापक स्तर पर हुए नुकसान ने साल 2013 के केदारनाथ आपदा के घावों को हरा कर दिया है. केंद्र एवं राज्य सरकार के ऊपर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने पिछली आपदाओं से सबक नहीं लिया और बेहद संवेदनशील हिमालयी क्षेत्रों में बेतरतीब ‘तथाकथित’ विकास कार्य जारी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना...
More »किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: क्या सरकार ने किया ओवररिएक्ट
-आउटलुक, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर पॉप आइकॉन रिहाना और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट का जवाब देकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा तिल का ताड़ बनाना संतोषजनक नहीं है। वहीं सरकार गुरुवार को एक कदम और आगे बढ़ गई। दिल्ली पुलिस ने स्वीडिश किशोरी के खिलाफ "आपराधिक साजिश और धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने" का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की। हालांकि, दिल्ली...
More »वित्तीय बाध्यताओं की वजह से बजट में बड़े आयकर राहत की ज्यादा उम्मीद न करें
-द प्रिंट, कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बहिष्कार करने वाले कुल 16 राजनीतिक दल हैं: कांग्रेस पार्टी, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआइ, सीपीएम, आरएसपी, पीडीपी, एआइयूडीएफ सहित कई अन्य राजनीतिक दल। इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी किया...
More »संसद खुलने पर आज किसानों के समर्थन में विपक्ष करेगा राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार
-जनपथ, कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बहिष्कार करने वाले कुल 16 राजनीतिक दल हैं: कांग्रेस पार्टी, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआइ, सीपीएम, आरएसपी, पीडीपी, एआइयूडीएफ सहित कई अन्य राजनीतिक दल। इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है।...
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