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दिल्ली: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो मज़दूरों की मौत, तीन घायल

नई दिल्ली: उत्तर पश्चिम दिल्ली में मंगलवार को एक मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद दो मजदूरों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) एसडी मिश्रा ने बताया कि यह घटना दोपहर में रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में हुई. पांच मजदूर एक पुराने मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद बेहोश हो गए....

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मनरेगा :4 राज्यों और 2 संघशासित प्रदेशों में नहीं बढ़ी मजदूरी! कहीं 1 रुपये तो कहीं 2 रुपये की बढ़ोत्तरी !

सबकुछ बदलने के बाद भी आखिर वह क्या जो नहीं बदलता ? दार्शनिक मिजाज के इस सवाल का एकदम ही व्यावहारिक सा जवाब हो सकता है- मनरेगा की मजदूरी!  बात तनिक बुझौवल सी लगी तो इन तथ्यों पर गौर करें: साल 2019-20 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत दिहाड़ी मजदूरी की दर की अधिसूचना 26 मार्च को जारी हुई. अधिसूचना से जाहिर होता है कि गोवा(254रुपये), कर्नाटक(249 रुपये), केरल(271रुपये) तथा...

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आख़िर क्यों मनरेगा मज़दूरों को नहीं मिलती उचित मज़दूरी?- देवमाल्या नंदी

महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी क़ानून (मनरेगा) वह क़ानून है जिसके अंतर्गत देश में सबसे अधिक व्यक्तियों को रोज़गार मिलता है. प्रत्येक वर्ष लगभग 8 करोड़ ग्रामीणों को इस क़ानून के अंतर्गत ग्रामीण विकास के कार्यों में रोज़गार मिलता है. मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों के लिए दैनिक मज़दूरी हर साल भारत सरकार द्वारा तय की जाती है ताकि महंगाई के साथ इनकी मज़दूरी भी बढ़े. केंद्र की मोदी सरकार ने...

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जौनपुर के किसानों का सवाल, मोदी ने 2000 रुपये देकर वापस क्यों ले लिया

नई दिल्ली: ‘हमें न तो आवास मिला और न ही शौचालय मिला है. सरकार ने गैस सिलेंडर तो दिया है लेकिन उसे भी बहुत कम इस्तेमाल करता हूं, क्योंकि हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि उसे दोबारा भरा सकें. इस बीच पीएम किसान योजना के तहत सरकार ने दो हजार रुपये खाते में भेजे थे, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे वापस ले लिया. अब बताइए हम जैसा गरीब...

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तीस लाख मतदाता चाहें भी तो इस चुनाव में मतदान नहीं कर सकते- आखिर क्यों, पढ़िए इस एलर्ट में !

‘वोट इंडिया वोट' के नारे के साथ एक सरकारी वेबसाइट पर लिखा है- ‘ मतदान प्रक्रिया में भाग लें, मतदाता होने पर गर्व महसूस करें.' लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि भारत की एक बड़ी कामगार आबादी चाहे तो भी वोट नहीं कर सकती ? ऐसे कामगारों में एक नाम आता है ईंट भट्ठे के मजदूरों का ! इस बार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले तकरीबन 30 लाख मजदूर अपने...

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