नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में सिखों के अल्पसंख्यक दर्जे के मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से सुनवाई में कोर्ट की मदद करने का आग्रह किया है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता टीआर अधिअर्जुना को न्यायमित्र (एमाइकस क्यूरी) बनाया गया है। गंभीर मसला बताया सोमवार को सुनवाई के दौरान जब एसजीपीसी की ओर से वरिष्ठ...
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सर्वोच्च न्यायालय का समान नागरिक संहिता पर दखल से इनकार
सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले कथित भेदभाव को रोकने के लिए संसद को समान नागरिक संहिता बनाने का निर्देश देने के अनुरोध संबंधी जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संसद का रुख करे, अदालत का वक्त न जाया करे। यह जनहित याचिका अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी। अश्विनी भारतीय...
More »दुनिया में देश की साख पर बट्टा क्यों? - मेघनाद देसाई
एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ देश-विदेश में भारत की छवि को चमकाने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा उसमें सुधार की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं, तब दूसरी ओर देश में राष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से और खासकर टीवी चैनलों और कुछ अखबारों में नकारात्मक खबरों को न केवल अत्यधिक महत्व दिया जा रहा...
More »इस अतिवाद का मुकाबला कैसे करें- योगेन्द्र यादव
एक ही महीने में राष्ट्रपति ने दूसरी बार सहिष्णुता की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने भी दादरी में अखलाक की हत्या पर अफसोस जता दिया है। और तो और, अमित शाह ने बीजेपी के बड़बोले नेताओं को फटकार लगा दी है। कई लोग सोच रहे होंगे कि अब और क्या चाहिए? मन ही मन कह रहे होंगे कि अब तो दादरी वाले इस मुद्दे को खत्म करो। टीवी चैनलों के न्यूज...
More »धर्मनिरपेक्ष नेतृत्व की चुप्पी का फल-- राजदीप सरदेसाई
सुधींद्र कुलकर्णी से बहुत पहले निखिल वागले और आपके इस मामूली स्तंभकार जैसे कई लोग शिवसेना के शिकार बन चुके हैं। 1991 में शिवसेना ने भारत-पाक क्रिकेट शृंखला के विरोध में वानखेड़े स्टेडियम का पिच खोद दिया था। मैंने इसकी कठोरतम शब्दों में आलोचना करते हुए लेख लिखा। जहां मैं काम करता था उस टाइम्स ऑफ इंडिया, मुंबई के दफ्तर के बाहर काले झंडे दिखाए गए, अपशब्द कहे गए, लेकिन...
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