मानव की पहचान स्थापित करना बड़ा विचार है। इससे न सिर्फ व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर पर कई समस्याएं सुलझीं बल्कि लंबे अरसे से समस्या बनी सभ्यतागत पहेलियां भी सुलझीं। साधारण शारीरिक चिह्नों से शुरू हुआ यह सफर फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतलियों से होता हुआ डीएनए और डिजिटल पहचान तक पहुंचा है। पिछले कुछ दशकों में कंप्यूटर प्रोसेसिंग में तरक्की की बदौलत हमारी पहचान स्थापित करने के लिए ऑटोमेटेड बायोमेट्रिक सिस्टम आए...
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हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को आरक्षण विधेयक पारित
हरियाणा विधान सभा में चालू सत्र के दौरान हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) विधेयक, 2016 पारित किया गया। हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम, 2016 लागू करके पिछड़े वर्ग ब्लाक ‘ए', पिछड़े वर्ग ब्लॉक ‘बी' तथा पिछड़े वर्ग ब्लॉक ‘सी' को वैधानिक दर्जा देने के उद्देश्य से हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा यह विधेयक पेश किया...
More »कितने बदल रहे हैं हमारे गांव-- आर विक्रम सिंह
समस्याएं चिह्नित करना एक बात है, समाधान के रास्ते खोजना दूसरी बात। हमारे गांवों में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, बीमारियां हैं, जमीनों के विवाद, मुकदमे हैं। जात-पांत की सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। हां, शोषण का वह रंग अब नहीं है, जो प्रेमचंद के उपन्यासों में मुखर होता है। कथित उच्च वर्ग में श्रम से अरुचि, दलित वर्ग में शिक्षा से अरुचि भी वहीं की वहीं है। नगरों की ओर पलायन...
More »कानूनी 'आधार' मिलने के मायने - सीता
आधार बिल का पास होना कितना महत्वपूर्ण है? वास्तव में यह बेहद महत्वपूर्ण है! पिछले हफ्ते दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में हुई एडवांसिंग एशिया कांफ्रेंस में मौजूद बहुतेरे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। इस कानून का सीधा सरोकार सबसिडी के डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सबसिडी की...
More »पांच घंटे में पांच हजार लोगों ने बनाई पंद्रह हजार जल संरचनाएं
झाबुआ। सहयोग की परंपरा हलमा का आयोजन मंगलवार को हाथीपावा की पहाड़ियों पर हुआ। शिवगंगा द्वारा आयोजित हलमा कार्यक्रम में 5 हजार से ज्यादा ग्रामीणों ने अपने खर्च पर झाबुआ पहुंचकर पांच घंटे तक श्रमदान किया। साधन भी साथ लेकर आए। सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक 15 हजार कंटूर ट्रेंच (जल संरचनाएं) खोदे गए। इनमें पुराने ट्रेंच की मरम्मत भी शामिल थी, जो उन्होंने ही बनाए थे। ये...
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