नई दिल्ली. महिला आरक्षण विधेयक को 14 साल लंबे सफर में कई बाधाएं, कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसे लेकर कई बार सदन में हंगामा हुआ, प्रतियां फाड़ी गईं, बदसलूकी की गई और सदन के बाहर सरकार गिराने की धमकियां दी गईं। आइए जानते हैं कि 9 मार्च को राज्यसभा में पारित होने से पहले विधेयक को लेकर क्या-क्या प्रमुख घटनाएं घटीं। 12 सितंबर 1996 : इस ऐतिहासिक विधेयक को लोकसभा में सबसे पहले देवेगौड़ा...
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दो एकड़ भूमि पर एक कूप की होगी व्यवस्था
रांची । मनरेगा के तहत सूबे में बनने वाले तालाबों की उपयोगिता पर मंगलवार को विधानसभा में विधायकों ने सवाल उठाये और इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया। इसके स्थान पर बड़े डायमीटर वाले कूपों के निर्माण की मांग की। इस पर कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया कि हर दो एकड़ भूमि के लिए एक बड़े कूप की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री के बेटे को ही मिलेगा ठेका तो क्या होगा काम...
More »‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार
सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...
More »बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर
16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...
More »भंडार भरे, फिर भी मार रही महंगाई
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
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