भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के लिए प्राइसवाटर हाउस नामक परामर्शी कंपनी द्वारा तैयार एक ताजा रिपोर्ट में रोजगार निर्माण के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत की वार्षिक विकास दर नौ फीसदी रहती है, तो देश से बेरोजगारी खत्म करने में 20 वर्ष लगेंगे। यह वास्तव में वही है, जो हमें हाई स्कूल की अर्थशास्त्र की किताबों में पढ़ाया...
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बदलाव होता नजर भी तो आए - प्रदीप सिंह
नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने हो गए। सबकी नजर इस पर है कि सरकार ने क्या किया और जो किया, उसका नतीजा क्या निकला। कांग्रेस इस सरकार को यू-टर्न सरकार बता रही है। सरकार का दावा है कि उसने छह महीने में बहुत कुछ कर दिया है। यह सही है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश में एक बदलाव और उम्मीद का माहौल बना है,...
More »30 साल में ना तो हटा जहरीला कचरा और ना ही बताई मृतक संख्या
दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को भोपाल में हुई विश्व की भीषणतम गैस त्रासदी के तीस साल बीत जाने के बावजूद प्रशासन न तो अभी तक इस कांड के मृतकों से जुड़े आंकड़े उपलब्ध करा सका है और न ही इस कांड के लिये जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड परिसर में रखे गये 350 मीट्रिक टन कचरे को ही वहां से हटाया जा सका है। गैर...
More »भारत में एचआईवी के मामलों में 57 फीसदी की कमी
भारत में पिछले एक दशक में एचआईवी संक्रमण के नए मामलों की संख्या में 57 फीसदी जबकि इसकी वजह से होने वाली मौतों में 25 फीसदी की कमी आई है। इससे उत्साहित सरकार अब जागरूकता का प्रसार कर एवं रोकथाम के उपायों को बढ़ावा देकर नए संक्रमण और मौत को घटाकर शून्य तक लाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने के लिए काम कर रही है। सोमवार को विश्व एड्स...
More »सवा अरब लोगों के लोकतंत्र में सवा करोड़ से ज्यादा 'गुलाम'!
बात विरोधाभासी लग सकती है लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाने वाले भारत में गुलामी की जिन्दगी जीने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में गुलामी के आधुनिक रुपों से पीड़ित लोगों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख 29 हजार है।(देखें नीचे दी गई लिंक) ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स 2014 नामक रिपोर्ट के अनुसार चीन में 30 लाख 24 हजार, पाकिस्तान में...
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