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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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महिलाओं ने तोड़ी रूढि़यों की जंजीरें

हल्द्वानी [नैनीताल, कमलेश पांडेय]। पहाड़ की अबलाओं ने भी रूढि़यों की जंजीरों को तोड़ मान्यताओं के दुर्गम रास्तों को पार करना सीख लिया है। विभिन्न कारणों से वैधव्य झेल रही महिलाओं ने फिर से विवाह कर न सिर्फ मान्यताओं को खारिज किया, बल्कि अन्य लोगों के लिए जीवन की नई राह बनाई। सरकार ने इन साहसी महिलाओं को प्रोत्साहन योजना से 11-11 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया है। अल्मोड़ा जिले की नीलिमा [काल्पनिक नाम]...

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गन्ना किसानों के भरोसे भी राजनीति चमकाएगी कांग्रेस

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। उत्तर प्रदेश में अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस पाने में जुटी कांग्रेस अब किसानों के बीच भी जाएगी। इसकी शुरुआत गन्ना किसानों से हो रही है। तभी तो कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने पूर्वाचल के किसानों के साथ खड़ा होने का संकेत दे दिया है। किसानों ने भी कांग्रेस के साथ जुड़ने की प्रतिबद्धता जताई। मुलाकात करने पहुंचे गन्ना किसानों से राहुल गांधी ने पूर्वाचल में पार्टी की कैफियत पूछी। किसान...

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गोत्र विवाद: किसान संगठन आमने-सामने

राजधानी हरियाणा. हरियाणा में गोत्र विवाद उग्र रूप धारण करता जा रहा है। खाप-पंचायतों की जाट समाज संगठनों को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी के बाद अब किसान संगठन आमने-सामने हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन व अखिल भारतीय किसान सभा में विवाद गहरा गया है। बुधवार को सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णस्वरूप गोरखपूरिया ने कहा कि भाकियू अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत ने हरियाणा आकर गोत्र विवाद भड़काया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।...

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जेंडर बजट 2011 में बिहार की नयी ऊंचाई

पटना। अवधारणा के स्तर पर हुए परिवर्तन ने बिहार में जेंडर बजट को नयी ऊंचाई दी है। दो वर्ष पूर्व 2008 में पहली बार बजट में स्त्री पक्ष की हिस्सेदारी सुनिश्चित हुई। सरकार ने इस तथ्य को पहचाना कि लोक व्यय में जब तक आधी आबादी के सबलीकरण के लिए ठोस प्रबंध नहीं होगा, आधी जनसंख्या की विकास में भागीदारी नहीं हो सकेगी। इसी पैटर्न पर योजनाओं को दो श्रेणी में बांटा गया और फिर...

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