SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 4589

अब हवा सांस लेने लायक नहीं

दुनियाभर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खतरनाक प्रभाव का विश्लेषण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल' की संज्ञा दी है. वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौताें और बीमारियों से सबसे प्रभावित विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं, लेकिन विकसित देश भी इससे बेअसर नहीं हैं वैश्विक जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए अभिशप्त है. यह अच्छी...

More »

दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है। यानी विश्व में हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित वायु में रह रहा है। इसके मुताबिक, हर साल करीब 60 लाख लोगों की मौत प्रदूषित हवा के कारण हो रही है। अगर जल्द ही इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालात...

More »

स्वच्छ भारत: 2 साल बाद भी बेहद बुरा है मोदी के इस प्रोजेक्ट का हाल, केवल 3.5 % टारगेट पूरा

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार ने जिस अभियान को तेजी के साथ चलाया था वह मिशन अभी भी बहुत दूर है। इस अभियान के तहत 2019 के अंत तक भारत को खुले में शौच से मुक्त (open defecation-free) बनाने की बात कही गई थी। आकड़ों दिखाते हैं कि यह मिशन अभी भी दूर हैं, कुल 4, 041 शहरों मे से केवल...

More »

मित्तल और अंबानी की नई जंग-- आर सुकुमार

डेढ़ दशक पहले जो जंग शुरू होकर खत्म हो गई थी, भारत की रेडियो तरंगों पर वर्चस्व बनाने की वह जंग इस बार मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल के बीच उबाल पर है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के लांच के मद्देनजर भारती एयरटेल लिमिटेड ने अपने डेटा की दरों में कमी की और जियो की प्रायोगिक शुरुआत के विभिन्न पहलुओं के खिलाफ सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के साथ...

More »

अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close