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सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों को सांप्रदायिक रंग क्यों दे रही है बिजनौर पुलिस?

मंगलवार दोपहर के दो बज रहे हैं. बीते शुक्रवार यानी 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नहटौर इलाके में हुए विवाद और दो हत्याओं के पांच दिन बाद धीरे-धीरे बाज़ार खुलने लगे है. नहटौर मार्केट में हल्की-फुल्की चहल-पहल देखने को मिलती है. विवाद के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई की दहशत से घर छोड़कर चले गए लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों को लौटने लगे हैं. हालांकि अभी भी...

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‘दिल्ली से कई गुना ज्यादा प्रदूषण की मार हम लोग झेल रहे हैं’

राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर कोटपूतली तहसील के कई गांव धूल के गुबार में ढके नज़र आते हैं. यहां सड़क पर दौड़ते ट्रकों और दिन-रात चलते स्टोन क्रशर्स की कर्कश आवाज़ के पीछे बीमार और परेशान जनता की कराहें छुपी हैं. हाइवे से लगे चोटिया की ढाणी गांव में हमारी मुलाकात 25 साल के रामप्रसाद और उनके साथी महेन्द्र मीणा से होती है. ‘हमें लगातार 15 साल...

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निजी अस्पतालों में इलाज कराना सरकारी अस्पतालों से सात गुना महंगा: रिपोर्ट

नई दिल्लीः देश के निजी क्षेत्र के अस्पतालों में लोगों को इलाज कराना सरकारी अस्पतालों की तुलना में सात गुना अधिक खर्चीला पड़ता है. यह बात राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आई है. यह आंकड़ा जुलाई-जून 2017-18 की अवधि के सर्वेक्षण पर आधारित है. हालांकि इसमें प्रसव के मामलों पर खर्च के आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं. राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) की 75वें दौर की ‘परिवारों...

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हर चार टीबी मरीजों में से एक भारत का; कुपोषण बड़ा कारण है टीबी का

ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट 2019 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टीबी बीमारी के लिए पांच कारण पाए गए हैं जिसमें से सबसे बड़ा कारण अल्प पोषण का है, यानी कम भोजन मिलना। वर्ष 2018 के दौरान भारत में करीब 7 लाख टीबी मामले अल्प पोषण के कारण पाए गए हैं। अन्य चार टीबी होने के जोखिमों में शराब पीना, धूम्रपान, मधुमेह और एचआईवी का होना शामिल है। डा. शाह आलम खान (एम्स, नई...

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क्यों कुपोषण से प्रभावित श्योपुर में बच्चों को पोषण केंद्रों में ले जाने से कतरा रहे हैं परिजन?

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील अंतर्गत आने वाले ठाकुरपुरा गांव की चंदा डेढ़ वर्ष की है लेकिन उसका वजन पांच किलो भी नहीं है. अति गंभीर कुपोषित की श्रेणी में आने वाली चंदा को इलाज और उचित पोषण के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ले जाने के लिए चिह्नित किया गया है. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद चंदा के परिजन उसे एनआरसी ले जाने...

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