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गूगल अर्थ ने किया कमाल, 4000 गरीबों को दिला दी छत

सांगली. पुणे से ढाई सौ किमी दूर सांगली-मिरज में झुग्गियों में रह रहे चार हजार परिवारों ने अपने घर तोड़ लिए हैं। 29 बस्तियों के इन बाशिंदों को नए मकानों में बसाया जा रहा है।   घरों के डिजाइन उनकी रजामंदी से ही बने। न कोई विरोध। न गुस्से का इजहार। ये कमाल हुआ है गूगल अर्थ की बदौलत। झुग्गियों से मुक्ति चाह रहे देशभर के बाकी शहरों के लिए सांगली-मिरज मिसाल...

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सोनकब्र!- हिमांशु वाजपेयी की रिपोर्ट(तहलका ,हिन्दी)

उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के कई गांव एक महीने के भीतर 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौत देख चुके हैं, लेकिन शासन यह मानने के लिए तैयार नहीं. और जाहिर सी बात है कि जब मानेगा ही नहीं तो कुछ करेगा भी क्यों? हिमांशु बाजपेयी की रिपोर्ट सोनभद्र में हालात उससे कहीं ज्यादा बुरे हैं जितना सोचकर आप लखनऊ या दिल्ली से यहां आते हैं. महज कुछ घंटे यहां गुजारने...

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विज्ञान का लोकतांत्रिक चेहरा- वंदना शिवा

हाल ही में साइंस पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया था कि देश में विज्ञान के विकास के लिए दो तकनीकों पर ध्यान देना जरूरी है- पहला कृषि में जीई (जेनेटिक इंजीनियरिंग) बीज और फसल का उपयोग तथा दूसरा परमाणु ऊर्जा। दुर्भाग्य से, हमारी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए ये दोनों ही तकनीकें खतरनाक हैं। तब प्रधानमंत्री ने गैरसरकारी संगठनों पर भी उंगली उठाते हुए कहा...

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4.75 लाख में बन सकती हैं महिलायें राजनेता

नई दिल्ली : राजनीति में जाने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए जरुरी कौशल में इजाफा करने के लिहाज से आईआईएम बेंगलूर ने आज एक पाठ्यक्रम की शुरुआत की. तीन महीने के इस पाठ्यक्रम का नाम इंडिया..वुमेन इन लीडरशिप बाई द सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रखा गया है जिसका उद्देश्य महिला नेताओं में शासन के अनेक पहलुओं के लिए जरुरी कुशलताओं, ज्ञान और विशेषज्ञता को बढाना है. एक वक्तव्य के अनुसार इससे...

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भूमंडलीकरण का शब्दजाल- सुनील

साहित्य में कबीर की उलटबांसियां प्रसिद्ध हैं। गहरे से गहरे दार्शनिक रहस्यों को बताने के लिए कबीर जीवन के कुछ ऐसे विरोधाभासों का सहारा लेते हैं, जिनमें ऊपर से कुछ और दिखाई देता है, किंतु अंदर कुछ और होता है। वैश्वीकरण के साथ ही दुनिया में एक नई शब्दावली आई है, जो कुछ-कुछ उलटबांसियां जैसी ही हैं। जैसे वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, जगतीकरण या जागतिकीकरण को ही लें, जो ग्लोबलाइजेशन के विविध...

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