सेंधवा (बड़वानी)। 'जहां चाह है, वहां राह है", यह कहावत सेंधवा जनपद पंचायत के आदिवासी बहुल ग्राम मेंदलियापानी के लोगों ने चरितार्थ कर दी है। प्रतिवर्ष गर्मी में जल संकट से परेशान होने वाले ग्रामीणों ने प्रति परिवार प्रतिदिन एक-एक रुपया इकट्ठा कर जनसहयोग से ग्राम में 4 निस्तार तालाब बना दिए। अब जल स्तर बढ़ने से गर्मी में पेयजल की दिक्कत खत्म हो सकेगी। आसपास के 30 से अधिक खेतों...
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जेटलीजी तो खेल कर गये-- योगेन्द्र यादव
‘बधाई हो, आपकी मेहनत रंग लायी!' बजट के अगले दिन एक दोस्त से मिली इस बधाई से मैं हैरान था. ‘किस बात की बधाई?' मैंने पूछा. ‘अरे, अरुण जेटली ने आपकी मांग मान ली?' ‘कहां मानी?' मैं अब भी हैरान था. 'भई आप यही मांग रहे थे न कि किसान को उसकी लागत का ड्योढ़ा दाम मिले? मैंने खुद सुना कि वित्त मंत्री ने घोषणा की और कहा कि...
More »सरकार, विपक्ष, किसान नेता: किसी के एजेंडे में किसान नहीं
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मंदसौर से शुरू हुए किसान आंदोलन की आहट उत्तर प्रदेश में भी पहुंच चुकी है। यहां के किसान संगठन भी इस बात से नाराज हैं कि योगी सरकार ने 1 लाख रुपए तक ही लोन माफ किया है। इसके अलावा इसमें भी तमाम तरह की शर्ते जोड़ दी गईं हैं। लेकिन पिछले 15 दिन से नेशनल मीडिया में किसानों के मुद्दे पर चल...
More »युवा केंद्रित बजट से मिलेगी मजबूती-- वरुण गांधी
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत में आधिकारिक रूप से 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें अधिकांश युवा हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय की बीते साल की रिपोर्ट बताती है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार, कुल रोजगार का सिर्फ 10.1 फीसद है, जबकि हमारे 60 करोड़ से अधिक कामगारों को असंगठित क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है, जहां सीमित सामाजिक सुरक्षा मिलती है और न्यूनतम वेतन का...
More »राजनीतिक शक्ति बनें किसान-- राजकुमार सिंह
अगर किसी कृषि प्रधान देश में कृषि और किसान ही संकट में आ जायें तो देश की दशा-दिशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात दशकों से पाठ्य पुस्तकों में पढ़ायी जाती रही है, क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तक आबादी जीवनयापन के लिए कृषि और उससे जुड़े काम-धंधों पर निर्भर रही है। इसलिए ग्रामीण भारत को ही असली भारत भी कहा...
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