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बिहार के मक्का किसानों का दर्द- हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे भी किसानी करें, क्योंकि इसमें किसी तरह का फायदा नहीं है

-गांव कनेक्शन,  "संसार में जो भी निर्माता है, अपनी वस्तुओं का मूल्य निर्धारण वो खुद करते हैं, तो आखिर किसानों की फसल का मूल्य निर्धारण करने वाले वे (सरकार) कौन होते हैं, इसका अधिकार मुझे क्यों नहीं मिला अभी तक।" न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मधेपुरा ज़िला (बिहार) के रामपुर गांव के किसान जगदेव पंडित कहते हैं कि फसलों की सही कीमत न मिल पाने के...

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पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत

हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...

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आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...

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वाल्मीकि, तुलसीदास और रामानंद सागर से लेकर राम तक

-न्यूजक्लिक, पांच अगस्त के दिन सरकार ने हिन्दुओं के भगवान राम के नाम पर एक मंदिर के शिलान्यास की योजना बनाई है जहाँ किसी समय बाबरी मस्जिद हुआ करती थी। इस घोषणा के फौरन बाद ही इसने दो नए विवादों को जन्म दिया है। कुछ बौद्ध समूहों ने इस बात का दावा किया है कि मस्जिद का ढांचा जहाँ पर खड़ा था, उसे मंदिर के लिए जमींदोज करते वक्त जो अवशेष...

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मक्के की फसल पड़ रही पीली, बाढ़ बढ़ाएगी और मुश्किलें

-डाउन टू अर्थ, मेरे पास कुल डेढ़ बीघा खेत है। खेतों में मक्का लगाया था लेकिन इतनी बारिश हुई है कि पत्ते पीले पड़ गए हैं। शायद ही खेत से कुछ मिल पाए। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पेंट और पॉलिश का काम करते थे, जबसे लौटे हैं तबसे बस चरवाही का काम कर रहे हैं। दो मवेशी हैं उन्हीं के साथ दिन बीत जाता है। कोरोना के डर की वजह...

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