भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में अल्पवर्षा व अवर्षा के कारण सूखे की स्थिति निर्मित हो रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश की 150 में से 93 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का भी निर्णय ले लिया है। अब इन सूखाग्रस्त इलाकों में पेयजल, रोजगार, जीवनरक्षक दवाइयां, पशुचारा, पशु टीकाकरण, पोषण आहार, खाद्य सुरक्षा, कृषि अनुदान, खरीफ व रबी फसलों को बचाने की चुनौती है। सूखे की स्थिति से निपटने के...
More »SEARCH RESULT
2014-15 में खाद्यान्न उत्पादन 4.66 फीसदी घटा
कमजोर मानसून एवं फरवरी-मार्च में बेमौसम बरसात के चलते भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष में अनुमानित 4.66 प्रतिशत घटकर 25 करोड़ 26 लाख व 80 हजार टन रहा। फसल वर्ष 2013-14 (जुलाई-जून) में देश में खाद्यान्न की पैदावार 26 करोड़ 50 लाख 40 हजार टन रहा था। खाद्यान्न भंडार में मुख्य हिस्सा गेहूं, चावल, मोटे अनाज और दालों का होता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि देश...
More »विकास के कोलाहल में- अरविन्द कुमार सेन
देश में सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (एसइसीसी) के अलग-अलग पहलुओं पर बहस चल रही है। कुछ जानकार इस तथ्य की तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस जनगणना ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई स्याह हिस्सों पर रोशनी डाली है। विकास के कोलाहल में स्याह हिस्सों को कोई भी सरकार नहीं देखना चाहती। चाहे वह कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार रही हो, जिसने इस जनगणना के आंकड़ों को जानबूझ कर...
More »खेती का खेल निराला मेरे भइया- राजेन्द्र तिवारी
देश के करीब 75 फीसदी परिवार कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं. देश की लगभग 70 प्रतिशत गरीब आबादी (विश्व बैंक के मुताबिक 77 करोड़ लोग) गांव में बसती है. लेकिन देश के जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगातार गिरता जा रहा है. 50 के दशक में कृषि की हिस्सेदारी हमारी जीडीपी में 50 फीसदी से ज्यादा थी, 90 के दशक में यह 20 से 30 फीसदी रह गया और 2013-14...
More »हजारों किसानों को चपत लगने के बाद पता चलेगा, बीज था बेकार
डॉ. अमरनाथ गोस्वामी, ग्वालियर(मध्यप्रदेश)। हर सीजन में बीजों की सैंपलिंग में लेट-लतीफी और जांच में लगने वाले लंबे समय के कारण यह पूरी प्रक्रिया कागजी कवायद बन कर रह गई है। बीज परीक्षण प्रयोगशाला में जब तक इस बात का खुलासा हो पाता है कि बेचा गया बीज अमानक था तब तक किसान के खेतों में फसल पकने की स्थिति में आ चुकी होती है। ग्वालियर स्थित मध्यप्रदेश की इकलौती बीज...
More »