SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 285

बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनियों को 30 प्रतिशत स्थनीय खरीद से छूट नहीं : डीआईपीपी

नई दिल्ली। सरकार ने वालमार्ट जैसी वैश्विक बहुब्रांड खुदरा कंपनियों को देश में कारोबार करने के लिए कम से कम 30 प्रतिशत माल स्थानीय स्तर पर खरीदने के शर्त में छूट देने से मना कर दिया है। औद्योगिक नीति एवं सवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव सौरभ चंद्रा ने कल कहा, ‘‘हर कंपनी के लिए अलग अलग एफडीआई नीति नहीं हो सकती। हमने बहुब्रांड खुदरा कारोबार के लिए एक विधान तैयार किया...

More »

घटती जीडीपी, लौटती महंगाई; संभालें अपना पोर्टफोलियो

मौजूदा वित्ता वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर महज 4.4 फीसद रही है। इस बीच भारत का जीडीपी-कर्ज अनुपात घटकर 66 फीसद हो गया है। देश का चालू खाते का घाटा खतरनाक स्तरों पर बना हुआ है। इन सबके बीच महंगाई डायन ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। महंगाई थामने की लगातार कोशिशों के बावजूद आरबीआइ ने अब भी इसके सामने हाथ खड़े कर...

More »

बारिश ने बढ़ाये प्याज के दाम- शरद पवार

नई दिल्ली। प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि वह यह बताने में समर्थ नहीं होंगे कि प्याज के दाम कब नीचे आयेंगे क्योंकि बारिश की वजह से प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है। प्याज की कीमतें अब भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, हालांकि, नाफेड को प्याज का आयात करने की अनुमति देने जैसे...

More »

चाइनीज राखियों से तबाह हो रहा घरेलू कुटीर उद्योग

आयातित राखियों से सरकार को खास आमदनी नहीं हो रही है, क्योंकि एक कंटेनर माल को दिखाया जाता है महज कुछ सौ डॉलर का अगर सही इम्पोर्ट ड्यूटी व टैक्स चुकाया जाए तो चीन की राखियां काफी महंगी पड़ेंगी, लेकिन ये मंगवाई जाती हैं अंडर इनवाइस पर राखी का कोई स्पेसिफिक रेट नहीं, इसलिए कस्टम वाले भी कुछ नहीं कर सकते हैं इस बार आप जब राखी खरीदने बाजार जाएंगे तो कुछ ज्यादा...

More »

एक रुपये का हेरफेर, गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने रोजाना कमाई में महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 17 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने का सेहरा अपने माथे बांध तो लिया है, लेकिन पिछले दो वर्षो में महंगाई की स्थिति को देखते हुए ये आंकड़े आम जनता के साथ क्रूर मजाक सरीखे लगते हैं। सितंबर, 2011 में सरकार ने जब गांव में 26 रुपये रोजाना से ज्यादा कमाई वालों को गरीब मानने के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close