घाघरा (गुमला): गुमला के घाघरा थाना क्षेत्र में शिवराजपुर पंचायत स्थित बड़काडीह गांव के किसान बिरसाई उरांव (60) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. वह आर्थिक तंगी से परेशान था. खेती का मौसम शुरू होते ही वह बैल खरीदने गुमला प्रखंड के पनसो बाजार गया था. पर जोड़ा बैल की कीमत अधिक होने के कारण खरीद नहीं पाया. जवान बेटी की शादी की भी चिंता थी. बिरसाई इस बार...
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कृषि को लाभकारी बनाना अपरिहार्य-- विवेक त्रिपाठी
भारत में किसान को अन्नदाता की उपाधि दी गई। पर आज वह निराश नजर आ रहा है। कृषि उपज का वाजिब मूल्य न मिलने से वह परेशान है। किसान को कर्ज लेना पड़ रहा है। वही उसके लिए जानलेवा साबित होता जा रहा है। किसानों की आत्महत्याओं में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारत में किसान आत्महत्या 1990 के बाद पैदा हुई स्थिति है, जिसमें प्रतिवर्ष दस हजार से...
More »बारिश से 'लाल' हुआ टमाटर, भाव पहुंचे 80 रुपये के पार
जैसे-जैसे बरसात के मौसम की शुरुआत हो रही है, टमाटर के भाव आसमान छूने लगे हैं. यही वजह है कि महज कुछ दिन पहले जो टमाटर 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 80 रुपये किलो से भी आगे पहुंच गया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ना शुरू कर दिया है. टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे सब्जी विक्रेता बारिश को दोषी...
More »अकथ कहानी खेत की-- राकेश दीवान
जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
More »जैविक खेती की मौन क्रांति-- बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक छोटा सा कस्बा है गनियारी। यहां का जन स्वास्थ्य सहयोग अस्पताल है जहां बीमारी के इलाज के साथ उसकी रोकथाम पर जोर दिया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए लोगों को अच्छा भोजन मिले इसके लिए कृषि कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बिलासपुर जिले के कई गाँवों में किसान जैविक खेती से धान पैदावार बढ़ा रहे हैं। जब वर्ष 2000 में जन स्वास्थ्य सहयोग...
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