-डाउन टू अर्थ खेती-किसानी करने वालों की जिंदगी एक ऐसे डगर पर चल रही होती है कि जब वे फिसलते हैं तो कोई न कोई फंदा उनका गला कसने को तैयार रहता है। खेतों में काम करते हुए महिला किसानों को भी बड़ी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 1995 से 2018 के बीच कुल 23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने...
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उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी एवं मैदानी इलाकों में बारिश एवं ओलावृष्टि संभव
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश के साथ ही बर्फबारी होने का अनुमान है। इस दौरान मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश होने की संभावना है, तथा कुछ जगहों पर ओलावृष्टि हो सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 29 जनवरी को हल्की बारिश की सम्भावना...
More »एक छोटी सी पहल ने बचाई लाखों की फसल
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रंजनडीह गांव में रहने वाली 55 वर्षीय साधमणि तुडु हर सुबह अपने खेत में जाने से पहले गांव में एक घर की दीवार पर लगा चाकबोर्ड देखना नहीं भूलतीं। तुडु कहती हैं, “पिछले चार साल से चाकबोर्ड देखना गांव से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार हो चुका है।” यह चाकबोर्ड 2015 में कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संगठन डेवलपमेंट रिसर्च कम्युनिकेशन एंड सर्विस सेंटर (डीआरसीएससी)...
More »जैसा बताया जाता है, क्या नेताजी और महात्मा गांधी के बीच वैसी ही दूरियां थीं?
आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर जब आप ये शब्द पढ़ रहे होंगे, उसी समय सोशल मीडिया से लेकर अन्य मंचों पर नेताजी के बरक्स महात्मा गांधी की भी चर्चा चल रही होगी. ठीक है कि भारत की आज़ादी का कोई भी विमर्श महात्मा गांधी का नाम लिए बिना पूरा नहीं हो पाता. लेकिन आज नेताजी को महात्मा के खिलाफ ऐसे ही खड़ा किया जा रहा है मानो...
More »नागरिकता क़ानून-एनआरसी पर प्रदर्शन में कौन ढूंढ रहा है हिंदू-मुसलमान?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए हमले से पैदा हुई राष्ट्रीय उत्तेजना और विक्षोभ ने कुछ समय के लिए नागरिकता संबंधी क़ानून और नागरिकता के लिए पंजीकरण के ख़िलाफ़ चल रहे राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध की ओर से ध्यान हटा दिया है। याद रखना ज़रूरी है कि यह प्रतिरोध अभी चल रहा है। कोलकाता जैसा बड़ा शहर हो या मालेगाँव या गया या कोच्चि, लोग अलग-अलग ढंग से इस प्रतिरोध को...
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