चित्तौड़गढ़: खाट पर पड़े ढेरों फटे कपड़े, कुछ बर्तन, बुझा चूल्हा, पीपे में थोड़े से सूखे आटे के साथ रखी कुछ रोटी और लोहे के संदूक के अलावा इस खपरैल ओढे ‘घर' में कुछ नहीं है. चूल्हे के पास ही तीन महीने पहले एक बेटी को जन्म देने वाली गोपी भील (40) दर्द से कराह रही हैं क्योंकि उनका प्रसव घर पर ही हुआ और उसके बाद उनकी देखभाल एक जच्चा...
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जानें क्या है राहुल गांधी की मिनिमम इनकम योजना, इसकी पांच बड़ी बातें
Rahul Gandhi minimum basic income guarantee scheme: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम गरीबों को न्याय देने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस गरीबों को 12 हजार रुपये महीने की देगी और साल में 72 हजार रुपये गरीब परिवारों को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह पैसा सीधा उनके खाते में जाएंगे। 1 - राहुल गांधी ने बताया कि इस...
More »खेती फायदेमंद तभी किसान खुशहाल-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
खेती-किसानी की बदहाली की खबरें इधर काफी सुर्खियों में रही हैं। अटकलें लगाई जा रही थीं कि अंतरिम बजट में आय हस्तांतरण से जुड़ी कुछ योजनाएं घोषित की जाएंगी। ऐसा हुआ भी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सरकार ने किसानों को सालाना आय देने की घोषणा की है। मगर कृषि संकट से पार पाने के लिए हमारे राजनीतिक दलों को छह बातों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत...
More »क्यों सरकारी योजनाओं के बावजूद झारखंड की आदिम जनजातियों को खाने की किल्लत से दो-चार होना पड़ता है- विवेक कुमार
झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका प्रखंड के सेवधरा गांव के अमरेश परहैया अपने परिवार के साथ में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं से दूर अपना जीवन बिता रहे है. परिवार की आय का मुख्य स्रोत अकुशल मज़दूरी है. इनके पास खेती योग्य भूमि नही हैं. अमरेश को मुश्किल से एक महीने में 8 से 10 दिन ही 150 रुपये/प्रतिदिन की मज़दूरी दर पर काम मिल पाता है. अनाज की कमी और आर्थिक...
More »राजस्थान: बालश्रम से छुड़ाए गए 152 बच्चे महीनों से घर लौटने का कर रहे इंतज़ार
जयपुर: राजस्थान में बाल श्रम ये बचाए गए दिलशाद, जीतू, अख़लाख़, गुड्डू (सभी बदले हुए नाम) जैसे 152 बच्चे पिछले साल ईद और दिवाली अपने घर पर नहीं मना सके. इसकी वजह सरकारी लापरवाही और हाल ही में हुए राजस्थान के विधानसभा चुनाव हैं. दरअसल, इन 152 बाल श्रमिक और निराश्रित बच्चों को पिछले साल जयपुर से बालश्रम और बंधुआ मज़दूरी से आज़ाद कराया गया, लेकिन सरकारी लेटलतीफ़ी की वजह से...
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