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समाज और कानून की नजर में समर्पण की कीमत बस इतनी-सी?

जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्‍वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...

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निर्माण सामाग्री का टोटा, मनरेगा के काम रूके

कोरबा (निप्र)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत काम करने वाले श्रमिकों का लंबित भुगतान तो दिया जा रहा, पर निर्माण कार्य के लिए खरीदे गए सामाग्रियों का 1 करोड़ 95 लाख का भुगतान अभी भी शेष है। शासन से राशि भेजी गई है। अब व्यवसायी निर्माण कार्य के लिए सामाग्री देने से परहेज कर रहे हैं। पंचायतों में कई निर्माण कार्य अधर में लटके हुए हैं। निर्वाचन आयोग...

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सत्यार्थी की ख्वाइश, इतिहास के पन्नों में सिमट जाए बाल श्रम

प्रभात खबर,नयी दिल्ली : बच्चों के प्रति जज्बे को वैश्विक आंदोलन के रूप में बदलने की अपील करते हुए नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने आज कहा कि वह चाहते हैं कि बाल श्रम इतिहास के पन्नों में सिमट जाये. नोबल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद ओस्लो से आज ही दिल्ली लौटे सत्यार्थी ने बाल श्रम के खिलाफ लंबित कानून को पारित किये जाने की भी वकालत की और कहा...

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शिक्षा के क्षेत्र में डराते संकेत - संजीव कुमार

अधिक समय नहीं हुआ, भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का बयान आया था कि रोमिला थापर और बिपन चंद्र जैसे नेहरूवादी इतिहासकारों की किताबों को जला देना चाहिए। इस बयान की बड़ी चर्चा और निंदा हुई थी। पर थोड़ा ठहर कर सोचें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के पास ऐसी किताबों को जला देने, लुगदी बनवा देने, या बलप्रयोग करके इनकी बिक्री रुकवा देने के अलावा उपाय क्या है? क्या...

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बराबरी का फलसफा और हम - गोपालकृष्‍ण गांधी

साम्यवाद का भविष्य। यह भी आज किसी लेख का विष्ाय हो सकता है क्या? कांग्रेस का भविष्य, नेहरू-गांधी परिवार का भविष्य, लोकतांत्रिकता का भविष्य, अल्पसांख्यिकता का भ्ाविष्य, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र लेखन, स्वतंत्र चिंतन का भविष्य, इन सब पर सोच वाजिब और लाजिम है। लेकिन साम्यवाद..? साम्यवाद करके जब कुछ रहा ही नहीं है, उस नाम के दोनों दलों माकपा और भाकपा के जब लोकसभा में सदस्य ही नहीं के बराबर हैं,...

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