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लोकतंत्र में भय ! -- रविभूषण

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक आेबामा ने पिछले सप्ताह अपने विदाई-भाषण में लोकतंत्र को लेकर जो गहरी चिंताएं व्यक्त की हैं, उन पर हम सब का ध्यान देना अधिक आवश्यक है. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को दो प्रमुख लोकतांत्रिक देश माना जाता है. भारत में लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका आज किस हालत में हैं? एडमंड बर्क (1729-1797) ने 1787 में एक संसदीय बहस में जिस 'प्रेस'...

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मरती हुई झीलों को मिल रही जिंदगी--

ऐसे कई उदाहरण हैं, जब एक अकेले इनसान ने अपनी कोशिशों से अपने आसपास के सूरत-ए-हाल को बदल डाला है. आज की स्टोरी में हम आपको एक ऐसे ही ‌व्यक्ति के काम के बारे में बता रहे हैं, जिसने अपने अथक प्रयास से झीलों को पुनर्जीवन दे दिया.   क्या हम सिर्फ अपने लिए जवाबदेह हैं, या अपने परिवार के लिए या अपने समुदाय के लिए? तो फिर धरती, पहाड़ों, नदियों...

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जल्द ही खुले में शौच की समस्या से मुक्त होगी दिल्ली

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को खुले में शौच की समस्या से आगामी एक दो महीनों में निजात दिला देने का दावा किया है। केजरीवाल ने मंगलवार को कालकाजी स्थित शौचालय परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि कैरोसीन मुक्त हो चुकी दिल्ली को अब खुले में शौच की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए दिल्ली में 14-15 हजार शौचालयों की जरूरत है। आप सरकार...

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ई गवर्नेंस :दुनिया के श्रेष्ठ देशों का मॉडल अपनाएगी सरकार

आम लोगों से सरोकार रखने वाली शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,वित्त,सामाजिक कल्याण से जुड़ी देश भर की ज्यादातर सेवाओं को केंद्र सरकार ई गवर्नेंस मॉडल के तहत लाने की तैयारी में जुटी है। देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1700 सेवाओं को चिन्हित करके इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल के तहत लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकारों से भी इस संबंध में विचार विमर्श किया गया है। वर्ष 2017 में...

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जर्मन अर्थशास्त्री का दावा- भारत में नोटबंदी के पीछे है अमेरिका का हाथ

8 नवंबर को भारत में नोटबंदी का फैसला लागू हुआ था और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। लोगों को पैसे बदलवाने के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा। लेकिन शायद किसी को यह भनक तक नहीं लगी होगी कि नोटबंदी के इस फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है। एक लेख में जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा...

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