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ठंड व भूख से बिरहोरों का जीवन बना नरक

हजारीबाग। राज्य स्थापना के नौ वर्ष बाद भी जिले की लुप्तप्राय जनजाति बिरहोरों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। कड़ाके की ठंड में भी उनके पास न तो पर्याप्त संख्या में कंबल है और न ही खाने को पर्याप्त अनाज। उक्त बातें स्वयं सेवी संस्था प्रत्यंचा द्वारा पिछले दिनों नवसृजित कटकमदाग प्रखंड ढेंगुरा पंचायत तथा डेमोटांड स्थित बिरहोर कालोनी में कराए गए सर्वेक्षण से उजागर हुईं। सर्वे में बताया गया कि ढेंगुरा पंचायत के पननवाटांड...

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चार सौ भूमिहीनों को मिलेगा कृषि भूमि का पट्टा

लखनऊ, 12 जनवरी: मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिवस पर राजधानी के चार सौ भूमिहीनों को कृषि भूमि का पट्टा दिये जाने की तैयारी की गयी है। इसके तहत प्रत्येक तहसील क्षेत्र में 100 लोगों का लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह शिविर कानपुर रोड स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल में लगेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मायावती के भी उपस्थित रहने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो गरीबों व अनुसूचित जाति को कृषि भूमि...

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अब बेरोजगार नहीं रहेंगे सूबे के युवा

रांची। यदि सरकार का सपना पूरा हुआ तो सूबे के युवा अब बेरोजगार नहीं रहेंगे। पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार मिल जाएगा। शिक्षा, विज्ञान-प्रावैधिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, आईटी, कल्याण, शहरी व ग्रामीण विकास विभागों के समवेत प्रयास से ऐसा होगा। दरअसल, युवाओं को स्किल्ड करने के लिए 'कौशल विकास मिशन' का गठन करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रपति शासन के अंतिम दिनों में इसपर परामर्शी समिति की स्वीकृति भी मिल...

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विस्थापितों को नए साल का तोहफा

जम्मू, जागरण ब्यूरो : कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी की योजना के तहत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विस्थापित युवाओं के लिए तीन हजार सरकारी नौकरियों को मंजूरी दी है। फास्ट ट्रैक पर होने वाले इस विशेष भर्ती अभियान के तहत विस्थापित कश्मीरी पंडित युवाओं की भर्ती राज्य भर्ती बोर्ड करेगा। उन्हें कश्मीर डिवीजन में ही नौकरी करनी होगी। कश्मीर डिवीजन में ये नियुक्तियां शिक्षा, समाज कल्याण, रिलीफ, इंजीनियरिंग, वित्ता, पर्यटन, स्वास्थ्य व राजस्व विभाग में...

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पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?

इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...

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