देहरादून, [अरविंद शेखर]। इंसानी करतूतों से पल-पल मरती कोसी के लिए उम्मीद की लौ करीब-करीब बुझ चुकी थी। कभी कोसी नदी की इठलाती-बलखाती लहरों में मात्र स्पंदन ही शेष था। यह तय था कि नदी को जीवनदान देना किसी के वश में नहीं। इन हालात में कोसी को संजीवनी देने का संकल्प लिया इलाके की मुट्ठीभर ग्रामीण महिलाओं ने। नतीजतन आज कोसी के आचल फिर लहरा रहा है। आसपास के इलाके में हरियाली लौट आई है।...
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महाजनी प्रथा के खिलाफ महिलाओ का अनोखा बैंक
रांची। कल तक बेरोजगारी का दंश झेल रही कमला देवी आज एक दुकान चलाकर न केवल अपने बच्चों को पालन-पोषण रही हैं बल्कि उन्हें अच्छी शिक्षा देने के सपने भी देख रही है। इसी तरह बालो देवी भी एक अंडा दुकान चला रही हैं। यह कहानी झारखंड की सिर्फ दो महिलाओं की नहीं है बल्कि ऐसी कई महिलाएं और समूह है जो 'इथिका वित्त अभिक्रम' नामक बैंक के सहारे सुविधा संपन्न जीवन के सपने...
More »महंगाई के जख्म पर सस्ते राशन का मरहम
निधिनाथ श्रीनिवास नई दिल्ली : सरकारी राशन दुकानों के सामने लगने वाली कतारें लंबी होने लगी हैं। निजी दुकानों पर खाद्य उत्पादों के दाम आम आदमी की ...
More »अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
More »नरेगा ग्रामवासियों के लिए वरदान
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री जयराम ठाकुर ने राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश को समान भौगोलिक कठिनाइयों वाले प्रदेश बताते हुए कहा कि नरेगा योजना ग्रामीण विकास की एक महत्वपूर्ण योजना के रूप में सामने आई है। उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों के जीवन स्तर में सुधार एवं गांवों के विकास के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जहां दुर्गम पहाड़िया हैं वहां राजस्थान में कहीं मरूस्थल...
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