देश में सिर पर मैला ढोने जैसा अमानवीय चलन आज भी पूरी तरह रुक नहीं पाया है। शुक्रवार को जारी सामाजिक, आर्थिक, जाति आधारित जनगणना (एसईसीसी) 2011 के मुताबिक, ग्रामीण भारत में औसतन 0.10 फीसदी लोग सिर पर मैला ढोते हैं। यानी करीब 18.06 लाख लोग यह काम कर रहे हैं। आजादी मिलने के बाद से ही कई सरकारों ने इसे खत्म करने को कानून बनाए लेकिन यह चलन जारी...
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देश में ग्रामीण और शहरी इलाकों में 24.39 करोड़ परिवार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के सामाजिक और आर्थिक आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़े पेश किए। हालांकि, सरकार ने जातिगत आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए। इस दौरान वित्तमंत्री हुए अरुण जेटली ने दावा किया कि यह एक शानदार दस्तावेज होगा। इससे भारत की हकीकत पता...
More »बिहार: 1400 फर्जी डिग्रियों वाले शिक्षकों ने दिया इस्तीफा
पटना। फर्जी शैक्षणिक डिग्रियों पर सरकारी कार्रवाई के डर से बिहार के 1400 प्राथमिक शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के ओएसडी विनोदानंद झा ने बताया कि आने वाले दिनों में और शिक्षक इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने फर्जी शैक्षणिक योग्यता वालों को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए नौ जुलाई तक का समय दिया था। ऐसे में उम्मीद है कि...
More »सबकी पहुंच में हो बिजली- वरुण गांधी
भारत में तकरीबन साढ़े सात करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों��� में बिजली नहीं है। बिजली के उत्पादन के लिए हम कोयले का आयात करते हैं। हम पूरे देश में बिजली का पारेषण करते हैं, जिसमें समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानि के तौर पर 25 फीसदी बिजली का नुकसान उठाना पड़ता है। जहां तक बिजली के दाम के सवाल है, तो यह जिन दामों पर बेची जाती है, वे बाजार...
More »AAP सरकार को नहीं पता, दिल्ली में कितने लोग अक्षम
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए योजनाएं व सुविधाएं प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद चलताऊ तरीके से हो रही है। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के पास आज भी कोई आंकड़ा नहीं है कि शारीरिक रूप से कितने अक्षम लोग यहां रह रहे हैं। इसी का नतीजा है सरकार आज तक इनके लिए कोई कारगर कदम नहीं...
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