SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2551

सात अरब हुई आबादी: संयुक्‍त राष्‍ट्र की चेतावनी- नहीं चेते तो भविष्य की नस्‍लें गरीबी, भुखमरी, हिं?

नई दिल्‍ली. दुनिया की आबादी 700 करोड़ यानी सात अरब हो गई है। यह इतनी बड़ी संख्‍या है कि अगर कोई बोल कर एक से 700 अरब तक की गिनती करे तो उसे 200 साल लग जाएंगे। 7 अरब कदमों से करीब 150 बार धरती की परिक्रमा की जा सकती है। तो, यह संख्‍या जितनी बड़ी है, उतनी ही गंभीर चुनौती दुनिया के लोगों के सामने भी आने वाली है।    आज...

More »

स्वाइन फ्लू से हो सकता है मृत शिशु का जन्म

गर्भावस्था के दौरान स्वाइन फ्लू संक्रमित महिलाओं में मृत शिशुओं या विसंगती वाले शिशुओं के जन्म देने का खतरा बेहद बढ जाता है।     ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की नेशनल पेरीनैटल इपिडेमियोलॉजी इकाई के नये अध्ययन में गर्भवती महिलाओं से फ्लू से बचने के लिए वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन के अस्पतालों में भर्ती और फ्लू की शिकार हर गर्भवती महिला के मामले का अध्ययन किया।     अध्ययन...

More »

इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप (2011)--- परिणाम घोषित

विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप के लिए देश भर से आठ पत्रकार चयनित हुए हैं। इसमें एक फैलोशिप का प्रायोजन देश के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वाले स्वयंसेवी संगठन प्रथम के aser (एनुअल स्टेटस् ऑव एजुकेशन-रुरल) की तरफ से किया गया है।  इन्कलूसिव मीडिया प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मीडिया-रिसर्च का भी काम होता है, साथ ही भारत के ग्रामीण संकट...

More »

दुख और संघर्षो का बोझ : हर्ष मंदर

पुणे की यरवदा जेल का बैरक नंबर तीन। सूरज की पहली किरणों इसके उदास अंदरूनी अहातों तक पहुंचें, इससे भी पहले एक महिला उठकर काम में जुट गई है। यह उसकी दिनचर्या का एक हिस्सा है। बैरक की ठंडी फर्श पर अब भी 52 महिला बंदी अलसभोर की गहरी नींद में डूबी हुई हैं। सभी के बदन पर हरी साड़ियां हैं, जिनका रंग अब फीका पड़ता जा रहा है। बंदिनियों की यही...

More »

बत्तीस के फेर में गरीबी : इला भट्ट

अब देश की सरकार गरीबी के मानदंडों में संशोधन करने जा रही है, जैसे कि देश को पता ही न हो कि गरीबी के मायने आखिर क्या हैं! सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र में एक दिन में 32 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में 26 रुपए से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति ‘गरीब’ नहीं माना जा सकता और इसलिए वह सरकार की विभिन्न हितकारी योजनाओं के लिए पात्र...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close