अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी...
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'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल
अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी आवाज जितनी तेज होगी, उसे उतना पहले हक...
More »अप्रैल की बारिश से वनोपज फसलों को भारी नुकसान - सचिन चतुर्वेदी
मुश्किल : बारिश के चलते पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में रबी फसल भी प्रभावित प्रभावित मौसम की मार तैयार खड़ी रबी फसलों और जंगलों में मौजूद वनोपज पर पड़ा अलग-अलग इलाकों में आए अंधड़-पानी ने साल बीज को काफी क्षति पहुंचाई इससे पहले पानी के चलते इमली की फसल को काफी नुकसान हुआ था 50' तक फसल बरबाद हुई है संग्राहकों के मुताबिक इस बार साल बीज की छत्तीसगढ़ में इस साल की शुरुआत से मौसम...
More »गुजरात इस मामले में भी निकला फिसड्डी
गुजरात है इस मामले में पिछड़ा गुजरात का विकास मॉडल भले ही चुनावी मैदान में नरेंद्र मोदी का अहम हथियार बना हुआ है, लेकिन किसानों को आपदा की मार से बचाने के मामले में गुजरात का प्रदर्शन बेहद फीका है। कृषि मंत्रालय की संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को लागू करने में गुजरात पीछे रह गया है। गुजरात के अलावा भाजपा शासित छत्तीसगढ़ की स्थिति भी इस योजना के क्रियान्वयन में काफी...
More »छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी
जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...
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